नीमच. प्रशासन और जनता के बीच महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में भूमिका निभाने वाले पटवारी भी अब सरकार से दो-दो हाथ करने को तैयार हो रहे हैं। पिछले १२ सालों से जिन मांगों को लेकर पटवारी समय-समय पर आवाज उठा रहे थे वे मांगें आश्वासनों के बाद भी पूरी न होती देख पटवारियों ने भी आंदोलन की राह पकड़ ली है।
सोमवार को जिले भर के पटवारियों ने कलेक्टोरेट में एकत्रित होकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। पटवारियों ने नारेबाजी कर अपने अधिकार की बात कही। इस दौरान उन्होने मुख्यमंत्री के नाम अपर कलेक्टर विनयकुमार धोका को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया गया कि मध्यप्रदेश सरकार पटवारियों के साथ अन्याय कर रही है। १२ वर्षों पूर्व मुख्यमंत्री ने वेतनमान विसंगतियां दूर कर ग्रेड पे आदेश जारी करने का आश्वासन दिया था। लेकिन उस पर अमल अब तक नहीं हुआ है। पिछले वर्ष हाईकोर्ट द्वारा भी पटवारियों की मांगों का निराकरण ९० दिनों में करने के निर्देश सरकार को दिए थे लेकिन सरकार ने कतई गंभीरता नहीं दिखाई। पटवारियों द्वारा मूल विभाग भू अभिलेख के अलावा अन्य २१ विभागों का कार्य संपादित किया जाता है। शहर हो या गांव हो शासन की हर प्रमुख योजना में पटवारियों द्वारा मनोयोग से कार्य किया जाता है। समय-समय पर पटवारियों ने अपनी मांगों को लोकतांत्रिक तरीके से उठाया लेकिन सरकार इस ओर
ध्यान देने को तैयार नहीं है। विभागीय संरचना में पटवारियों से तहसीलदार तक के ग्रेड पे में ५०० रुपए का अंतर था, जबकि अब दो ग्रेड पे बीच में रिक्त है। शासन द्वारा इस विसंगति को स्वीकार तो किया जा रहा है लेकिन इसे दुरस्त नहीं किया जा रहा है।
पटवारियों ने चेतावनी दी है कि आंदोलन के प्रथम चरण में ज्ञापन दिया गया है, मांगें नहीं मानी गई तो चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो बस्ते जमा कराकर अनिश्चितकालीन कलम बंद हड़ताल की जाएगी।
ज्ञापन देने वालों में मप्र पटवारी संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष घनश्याम पांडेय, जिलाध्यक्ष दिलीपसिंह चुंडावत सहित बड़ी संख्या में पटवारी संघ के पदाधिकारी एवं जिले के पटवारी उपस्थित थे।
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