प्राप्त जानकारी के अनुसार पटवारियांे को लेपटॉप दिया जा रहा है। यदिये प्रयोग सफल रहा और पटवारियों के काम से किसानों को राहत मिलती है तो जल्द ही ये योजना पूरे प्रदेश में लागू कर दी जाएगी। सरकार का मकसद है कि आधुनिक तरीके से काम होगा तो किसानों को बार-बार सरकारी दफ्तर के चक्कर काटने नहीं पडे़ंगे। लेपटॉप पर किसान और उसकी जमीन की पूरी जानकारी नक्शो के साथ होगी। जो एक क्लिक पर उनके सामने स्क्रीन पर आ जाएगी।
सरकार ने किसानों की समस्याओं को कम करने के लिए पटवारियों के लिए सप्ताह में दो दिन हल्के में बैठना अनिवार्य किया है। राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव ने सभी कलेक्टरों को ये निर्देश जारी कर दिए हैं।
पटवारी की परीक्षा पास करने वाले जो उम्मीदवार वेटिंग लिस्ट में है, उनके लिए भी राहत की खबर है। सरकार जल्द ही उनकी काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू करेगी।
एक ही आवेदन में नामांतरण और बंटवारा
अब किसान को नामांतरण और बंटवारे के लिए अलग-अलग आवेदन दने की आवश्यकता नहीं है। एक ही आवेदन पर दोनों काम हो जाएंगे। जमीन की रजिस्ट्री होते ही रजिस्ट्रार तत्काल वह फाइल तहसील कार्यालय में भेज देगा। ताकि नामांतरण की प्रक्रिया जल्द पूरी की जा सके। किसान को तहसीलदार के पास नामांतरण का आवेदन रकना होगा और नियत समय में उकस काम हो जाएगा। दो माह में राजस्व के गैर विवादित मामले और तीन माह में विवादित मामलों का निपटारा कर दिया जाएगा।
पायलेट प्रोजेक्ट होगा सुरखी में शुरू
ई-बस्ते का अच्छा कॉस्पेट है, आज के युग में जरूरी भी है। अभी सरकार पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में सुरखी में शुरू कर दी है। उसके बाद नीमच के पटवारियों को भी लेपटॉप मिलेगा। अभी थोड़ा इंतेजार करना होगा। इस योजना के बाद काम में भी त्वरितता आएगी।
– अजय गंगवार, जिला कलेक्टर नीमच।