scriptअब नीमच में चायवाले का बेटा बनेगा इंजीनियर | Now the son of the tea seller will be appointed in Neemuch | Patrika News
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अब नीमच में चायवाले का बेटा बनेगा इंजीनियर

पत्रिका विशेष

नीमचJun 10, 2018 / 10:00 pm

harinath dwivedi

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गुमटी पर पोहे ओर चाय बनाते हुए राजेश गोयल।

नीमच. प्रधानमंत्री ने कहा था बेरोजगारी दूर करने के लिए पकोड़े बेचो। कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता। इस बात को नीमच के एक चाय बेचने वाले के बेटे ने मन बैठा ली थी। पिता चाय की गुमटी पर सुबह से देर शाम तक कड़ी मेहनत करते हैं। इसी से परिवार का गुजारा होता है। पिता को आदर्श मानकर बेटे ने भी कड़ी मेहनत कर उस मुकाम को हासिल किया जो लाखों में से गिनती के ही बच्चों को नसीब होता है। नीमच के एक चायवाले के बेटे ने ऊंची उड़ान भरने में सफलता हासिल की है। रविवार को घोषित जेईई एडवांस के नतीजों में उसने देश में २०३८वीं रेंक हासिल की है।
भूतेश्वर मंदिर के नजदीक वर्षों से एक छोटी सी गुमटी में चाय-पोहा बनाने वाले राजेश गोयल ‘राजूÓ के बेटे स्वराज गोयल का जेईई एडवांस में चयन हुआ है। जल्द ही वे देश के प्रसिद्ध इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश लेंगे। अपने बेटे की उपलब्धि पर राजेश ने कहा कि आज उसका जन्मदिन भी है। आज की परिणाम भी घोषित हुआ है। इससे खुशी दुगनी हो गई। मुझे तो उम्मीद थी कि वो इस मुकाम को हासिल करेगा। बचपन से उसने जो लक्ष्य तय किया, उसे हासिल किया। हमने हमेशा उसे झुककर रहना सिखाया है, कभी अकड़कर चलना नहीं। १२वीं में भी उसने ९४ प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। जैसा वो चाहता था हमने अपनी क्षमता अनुसार उसके लिए वो सब किया। पढ़ाई के लिए कभी दबाव नहीं बनाया। माता सुमन गोयल ने बताया कि ९वीं में उसके हाथ में फ्रेक्चर हो गया था। डाक्टर ने आराम करने को कहा था, लेकिन दूसरे दिन ही स्कूल चला गया था। ९वीं में भी उसने टॉप किया था। १०वीं में एक नंबर से मेरिट में रह गया था, लेकिन कभी हतोत्साहित नहीं हुआ। बच्चे अपने माता-पिता से सीखते हैं, लेकिन हमने अपने बेटे से काफी कुछ सीखा है। स्वराज ने बताया कि अपनी इस उपलब्धि का पूरा श्रेय पिता की कड़ी मेहनत को ही देते हैं। उन्हें देखकर ही मुझे कड़ी मेहनत करने की प्रेरणा मिली। इसी का नतीजा रहा कि आज में इस मुकाम पर पहुंच सका हूं। शिक्षकों का भी मार्गदर्शन मिला है।
लक्ष्य निर्धारित करें तो अवश्य मिलेगी सफलता
रविवार को आईआईटी कानपुर ने जेईई एडवांस का परिणाम घोषित कर दिया। नीमच के पांच युवाओं का आईआईटी में चयन हुआ है। विनयकुमार जैन ने देश में २९५वां स्थान हासिल की है। पांचों विद्यार्थी सामान्य वर्ग से हैं। एक चाय वाले के बेटे का भी आईआईटी में चयन हुआ है। इस बार 18 हजार 138 विद्यार्थियों का आईआईटी में चयन हुआ है। चयनित विद्यार्थियों की ऑनलाइन काउंसलिंग १५ जून से होगी। चयनित विद्यार्थी देश के 23 आईआईटी, 31 एनआईटी, 23 आईआईआईटी और 23 जीएफटीआई में प्रवेश ले सकेंगे। इस साल जेईई एडवांस के लिए 2 लाख 31 हजार 24 विद्यार्थियों का चयन हुआ था। इनमें से 1 लाख 55 हजार 158 ने जेईई एडवांड के दोनों पेपर दिए थे। स्वराज गोयल ने जेईई एडवांस में २०३८वीं रेंक हासिल की है। वे कहते हैं कि यदि विद्यार्थी लक्ष्य पहले निर्धारित कर लें तो सफलता अवश्य मिलती है। नीमच से बाहर जाकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करना काफी लाभदायक रहता। काफी कुछ सीखने को मिलता है। कोटा में हम पढ़ाई के अतिरिक्त अन्य गतिविधियों पर कम ध्यान देते थे। इससे पढ़ाई का अच्छा माहौल बन गया था। संकल्प सकचेला ने ३२१६वीं रेंक हासिल की है। वे बताते हैं कि प्रतिदिन औसत १२ से १४ घंटे पढ़ाई करता था। बेसिक पर अधिक ध्यान दिया। कौस्तुभ शुक्ला ने ४२७३वीं रेंक हासिल की है। वे बताते हैं पढ़ाई को लेकर टेंशन नहीं पाले। रटे नहीं, समझे और फिर उसे दोहराएं। विनय जैन ने देश में २९५वीं रेंक हासिल की है। वर्षों बाद नीमच के किसी विद्यार्थी ने जेईई एडवांस में इतना बेहतरीन प्रदर्शन किया है। विनय कहते हैं कि तैयारी के दौरान सारा ध्यान उसी पर केंद्रित करने से सफलता अवश्य मिलती है। कोचिंग में जो भी पढ़ाया जाता है उसे दूसरे दिन पर नहीं टाले। एक भी दिन का अंतर होने पर उसे कवर करना काफी परेशानी भरा होता है। चिराग जैन को राष्ट्रीय स्तर पर ५९२८वीं रेंक हासिल हुई है। उन्होंने बताया कि उम्मीद है कि काउंसलिंग में खड़कपुर या जोधपुर में से किसी कॉलेज में प्रवेश मिल जाएगा। मैं प्रतिदिन औसत ६ से ७ घंटे पढ़ाई करता था। जो भी बच्चे आईआईटी की तैयार कर रहे हैं वे अपना पूरा ध्यान केवल और केवल पढ़ाई पर लगाए। टेंशन नहीं लें। सकारात्मक सोच के साथ पढ़ाई करेंगे तो कठिनाइयां आसान लगने लगेगी।
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