गुरु ही करवा सकते हैं ईश्वर का दर्शन
नीमचPublished: Feb 21, 2020 01:26:19 pm
गांव आंतरीमाता में रामकथा के अंतिम दिन साध्वी भारतीजी ने कहा
ग्राम कथा श्रवण करती महिलाएं
नीमच. जीवन में ईश्वर को जानने के लिए एक पूर्ण गुरु की आवश्यकता हैं। गुरु ही ईश्वर का दर्शन करवा सकते है, लेकिन समाज में एक धारणा है कि जिनके चेहरे पर तेज है, भगवा धारण किया है गले में माला धारण की है, टीका त्रिपुर लगाया है वही संत है गुरु है।
यह बात प्रसिद्ध तीर्थ नगरी भक्ति और शक्ति की महिमा आतरी माता के निराले दरबार में चल रही श्रीराम कथा के पांचवे दिन स्थानी राठौर धर्मशाला में आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी चिन्मया भारती जी ने कथा के दौरान उपस्थित भक्तों से कही। उन्होंने कहा कि हमारे ग्रंथ गुरु की पहचान बताते हुए कहते हैं कि सुनी गुरु की शाश्वत पहचान ही यही है जो स्वयं ईश्वर से जुड़े हैं और जिज्ञासु को भी ईश्वर का दर्शन करवा दे वही पूर्ण गुरू है गुरू की पहचान है ऐसे गुरू की खोज करें। कथा में गोपालनंद ने बताया कि जब तक जीवन में ऐसे पूर्ण गुरु और उनके द्वारा प्रदान ब्रह्म ज्ञान नहीं है तब तक इंसान 84 करोड़ योनियों में भटकता ही रहता हैं। बार-बार जन्म मरण के चक्र में जीवात्मा को भटकना ही पड़ता हैं। मनुष्य चाहता है कि आपकी 84 कट जाए तो ब्रह्म ज्ञान को प्राप्त करेंए तभी भवसागर से पार हो पाएंगे। हरि कथा में साध्वी दिपेश भारती, अर्पणा भारती व जय नारायणजी ने भजनों के द्वारा शानदार प्रस्तुति दी। वातावरण को भक्तिमय बना दिया। पांच दिवसीय कथा आयोजन पर सभी साध्वी संतजनों का साल, श्रीफल एवंं भेंट देकर सम्ममान किया गया। कार्यक्रम में गांव के वरिष्ठ धनराज राठौड़, पूर्व जनपद प्रतिनिधि फकीरचंद सोनी, विष्णुदास रामावत, कमल सोनी, जयप्रकाश जैन, सत्यनारायण पोरवाल, शैलेंद्र नागदा, महेश नागदा, नरेंद्र रावत, कन्हैैयालाल रामावत, रायसिंह दायमा अनुपपुरा, सुनील राठौर, सुनील चौधरी पिपलियामंडी, राजेंद्रसिंह राणा, अजय चौधरी, कालूसिंह बोराणा, सुरेश पाटीदार नारायणगढ़, सुनील चौधरी पिपलिया मंडी उपस्थित थे। अंत में स्कूल के बच्चों ने नश मुक्ति के ऊपर शानदार कार्यक्रम की प्रस्तुति दी।