प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य राजस्थान में लंपी वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहें हैं। चूंकि नीमच जिले की सीमा राजस्थान से सटी है, इसीलिए खतरा अधिक मंडरा रहा है। उप संचाचलक एचबी त्रिवेदी ने बताया कि जिे में पशुओं में संदिग्ध लंपी स्किन बीमारी पहली बार जीरन में देखने को मिली है। पशुओं में बढ़ते रोग की रोकथाम को लेकर शासन ने गाइडलाइन जारी की है। पशु पालकों एवं किसानों में प्रचार कर रोग की पहचान एवं बचाव के तरीकों की जागरूकता दी जा रही है। लंपी वायरस स्किन डिसीज पशुओं में होने वाला एक वायरल हहै, जो पॉक्स वायरस से मवेशियों में फैलता है। बीमारी होने पर पशुओं के शरीर पर गांठे हो जाती है और शरी पर जख्म नजर आने लगते है। वहीं अब लोगों को डर है कि कहीं ये इंसानों को भी अपनी चपेट में न ले लेवें। जबकि चिकित्सकों की माने तो इंसानों के अंदर इस बीमारी के खिलाफ पर्याप्त इम्युनिटी होती है। इस कारण यह बीमारी केवल पशुओं में नजर आएगी। इसका खतरा इंसानों को नहीं रहेगा। हालांकि सभी को फिर भी सर्तकता बरतनी चाहिए। उप संचालक का कहना है कि पशुओं में यह वायरस फैलने का बड़ा कारण मक्खियां व मच्छर है। आसपास गंदगी होने के कारण लंपी बीमारी एक से दूसरे पशु में फैलती है। क्योकि जब किसी पशु में यह रोग होता है तो पहले उसकी स्किन पर नर्म गांठे बन जाती है। पूरे शरीर पर गांठे हो जाती है।
यह है प्राथमिक स्टेज पर उपचार
पशुओं को लेकर पशु पालकों को दहशत देखने को मिल रही है। शासन से बचाव एवं रोग की पहचान के लिए गाइडलाइन जारी होने के बाद जिला स्तर पर अलर्ट जारी होने के बाद जिला स्तर पर अलर्ट जारी करते हुए उपसंचालक द्वारा शहरी सहित दोनों ब्लॉक के पशु चिकित्सा अधिकारी, सहायक अधिकारियों की बैठक लेकर रोग की रोकथाम के लिए कार्य योजना तैयार की है।
लंपी रोग के यह है लक्षण
लगातार बुखार रहना,वजन कम होना, लार निकलना, आंख और नाक का बहना, दध का कम होनो, शरीर पर अलग-अलग तरह के धब्बे और गिठान ऊभर कर आना।
यह इनका कहना है
लंपी वायरस के दो संदिग्ध मरीज जीरन के बरखेड़ा रोड क्षेत्र में सामने आए है। जिनके सैंपल लेकर भोपाल जांच के लिए भेजे गए है। जिसकी रिपोर्ट के बाद पुष्टि होगी। इस रोग को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने गोटपॉक्स वैक्सीन को अधिकृत किया है। अभी राजस्थान के उदयपुर से करीब 200 वैक्सीन मंगवाई है। जिसे संदिग्ध को लगाना शुरू किया जाएगा। क्षेत्र के चिकित्सक पशुओ पर सतत निगरानी बनाए हुए है।
– एचबी त्रिवेदी, उप संचालक पशु चिकित्सालय विभाग नीमच।