-कीचड़ और गंदगी के बीच से होकर निकलना बना मजबूरी-वार्ड क्रमांक २६ व २७ के बीच की सड़क स्वयं की जर्जरता पर बहा रही आंसू
नीमच. मुख्य सड़क पर दूर तक फैला कीचड़, सड़क के एक ओर टूटे मकान का मटेरियल तो दूसरी ओर प्रतिबंध का बोर्ड लगा होने के बावजूद कचरे का ढेर। ऐसे में पैदल चलने वाले राहगीरों को कीचड़ और गदंगी से बचते बचते निकलना पड़ता है। वहीं वाहन चालकों को गड्ढे कूदते कूदते निकलना पड़ता है। लेकिन जिम्मेदारों का इस ओर बिल्कुल
ध्यान नहीं है।
यह हाल है वार्ड क्रमांक २६ व २७ के बीच स्थित शिक्षक कॉलोनी स्थित सड़क के, इस सड़क पर हर चार कदम पर हो रहे गड्ढे अपनी जर्जरता की कहानी खुद बयां कर रहे हंै। रहवासियों ने बताया कि इस सड़क की सुध १५ सालों से आज तक किसी जनप्रतिनिधि व नगरपालिका ने ली। जबकि इस बारे में जिम्मेदारों को कई बार अवगत करा दिया है।
कूड़े कचरे का लगा ढेर
यहां कचरा डालना मना है, आप कैमरें की निगाह में हैं। कचरा डालते पाए जाने पर ५०० रुपए का जुर्माना किया जाएगा। इस प्रकार का प्रतिबंधात्मक बोर्ड वार्ड क्रमांक २६ के कार्नर पर लगा होने के बावजूद कुछ लोग खुले आम नियमों का उल्लंघन करते नजर आते हैं। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण मुख्य मार्ग की स्थिति काफी दयनीय नजर आती है। इस कार्नर पर कचरे का ढेर पड़ा होने के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
मंदिर, मस्जिद और विद्यालय के बावजूद नहीं सफाई पर ध्यान
वार्ड क्रमांक २६ व २७ के बीच की सड़क के एक ओर मस्जिद तो दूसरी ओर मंदिर है। वहीं इस मार्ग पर दो से तीन विद्यालय है। इस कारण प्रतिदिन इस मार्ग से हजारों लोग पैदल व वाहनों से आवाजाही करते हैं। लेकिन इस मार्ग की सुध किसी ने नहीं ली। वर्तमान में गिरी मावठे की बारिश के कारण हुआ कीचड़ बारिश बंद हुए दो दिन बीत जाने के बाद भी जस का तस है। क्योंकि यह मार्ग कहीं से ऊंचा तो कहीं से नीचा होने के कारण चाहे बारिश का पानी हो या अन्य निकासी नहीं हो पाती है। ऐसे में कई बार विद्यालय आवाजाही करने वाले बच्चों का गिरने का भय भी बना रहता है।
यह मार्ग १५ साल पहले कच्चा बनाया गया था। जिसके बाद से आज तक यहां न डामरीकरण हुआ है ओर न ही सीसी। बारिश में जब इस मार्ग पर गड्ढे हो जाते हैं तो नगरपालिका द्वारा मिट्टी डलवा दी जाती है। जो बारिश होते ही कीचड़ में तब्दिल हो जाती है। इस बारे में हमने कई बार नगरपालिका व जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया है। लेकिन हालात जस के तस हैं। इसी के साथ गहरी गहरी नालियां तो बना दी गई है। लेकिन उनकी नियमित सफाई नहीं होने के कारण हमेशा बदबू बनी रहती है। यहा कोई कचरा फेंकते नजर आता है तो हम उन्हें मना करते हैं। लेकिन सीसीटीवी कैमरा लग जाए तो निश्चित ही वह व्यक्ति पकड़ में आ जाएगा जो कचरा फेंकता है।
-अब्दुल हमीद, रहवासी, फोटो-एनएम १००३
सड़क तो बनाई नहीं जा रही है। उल्टे इस मार्ग पर पिछली बार गड्ढों को भरने के लिए गिट्टी डाल दी थी, जो वाहनों के निकलने पर उछट कर लोगों के घरों तक पहुंच रही थी, जिससे चोट लगने का भी भय बना रहता था। इस मार्ग पर लेवल कर सड़क का निर्माण होना चाहिए। ताकि आवाजाही करने में रहवासियों सहित शहरवासियों को दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े।
-मोहम्मद अय्युब, रहवासी, फोटो-एनएम १००४
वर्जन.
सेन सर्कल से गायत्री मंदिर रोड तक ४० लाख रुपए की लागत से इस मार्ग पर डामरीकरण किया जाना है। जो करीब एक साल से स्वीकृत है। लेकिन नल और सीवरेज लाईन कनेक्शन के कारण कार्य प्रारंभ नहीं किया जा रहा है। क्योंकि फिर सड़क खुदने के कारण पैसा भी व्यर्थ जाएगा। इस कारण जैसे ही सीवरेज और नल कनेक्शन का कार्य पूर्ण हो जाएगा। वैसे ही डामरीकरण का कार्य शुरू करवाया जाएगा। इसी के साथ अन्य सड़कों का
काम भी चलेगा। क्योंकि काफी सड़कें स्वीकृत है।
-आकांक्षा तलरेजा, पार्षद वार्ड क्रमांक २६
पहले की अपेक्षा अब काफी सुधार हुआ है। यहां वहां कचरा फेंकने वालों के चालान भी बनाए गए हैं। लेकिन फिर भी कोई कचरा डाल रहा है तो उन्हें स्वयं भी जागरूक होना चाहिए। क्योंकि हर दिन कूड़ा वाहन आता है। जिसमें कचरा डालें ताकि स्वच्छता बनी रहे। हम फिर भी इस ओर ध्यान देकर लोगों को कचरा यहां वहां नहीं डालने के लिए प्रेरित करेंगे।
-कलाबाई पाटीदार, पार्षद वार्ड क्रमांक २७