scriptधर्म की हो रही राजनीति, जबकि राजनीति का कोई धर्म नहीं | Politics of religion, while there is no religion of politics | Patrika News

धर्म की हो रही राजनीति, जबकि राजनीति का कोई धर्म नहीं

locationनीमचPublished: May 18, 2018 01:17:30 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

पत्रिका चेंजमेकर महाअभियान के तहत जिला न्यायालय परिसर में अभिभाषकों ने बेबाकी से रखी अपनी बात

patrika

जिला न्यायालय के बार रूम में गुरुवार को चेंजमेकर अभियान के तहत अभिभाषकों से चर्चा की गई।

नीमच. चेंजमेकर महाअभियान के माध्यम से पत्रिका ने राजनीति को स्वच्छ बनाने की जिम्मेदारी उठाई है। इसके लिए पत्रिका परिवार बधाई का पात्र है। यह सही है कि राजनीति के गिरते स्तर ने बुद्धिजीवी वर्ग को सोचने पर विवश कर दिया है। आज समय आ गया है कि राजनीति को स्वच्छ बनाने के लिए बुद्धिजीवी वर्ग को आगे आना ही होगा। इसमें वकीलों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण बनती है। कानून का जानकार होने की वजह से जनता की समस्याओं का निराकरण करने में वकील ही सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं। राजनीति को स्वच्छ बनाने में भी वकीलों की भूमिका अहम है। यह कहना था पत्रिका चेंजमेकर महाअभियान में सहभागी बने अभिभाषकों का। जिला न्यायालय परिसर में आयोजित परिचर्चा में अभिभाषकों ने अभियान की मुक्तकंठ से सराहना की।
वकीलों की भूमिका सदैव प्रभावी रही है
देश जब आजाद हुआ था तब १९४७ से वकीलों की भूमिका राजनीति में सक्रिय और प्रभावी रही है। वर्तमान समय में स्वच्छ राजनीति के लिए कानूनविद को आगे आकर जागरूकता लाना होगी। निर्धन, असहाय, वंचित समाज की उत्थान व रक्षा हेतु नियमों का दृढ़ता से पालन कराना होगा। ताकी समाज में व्याप्त समस्याएं आर्थिक, अपराधिक कुरूतियों को अंत हो सके। समाज में वकीलों की भूमिका सदैव महत्वपूर्ण रही है। इसी प्रकार राजनीति में भी वकीलों की जिम्मेदारी अहम है।
– चंचल बाहेती
वकील समाज का डाक्टर है
नीमच-मंदसौर जिले की राजनैतिक परिस्थितियां अन्य जिलों के मुकाबले बेहतर है। यहां पर सीताराम जाजू, कन्हैयालाल डुंगरवाल, भंवरलाल नाहटा, रघुनंदनप्रसाद वर्मा, रामस्वरूप गट्टानी, घनश्याम पाटीदार, वीरेंद्रकुमार सखलेचा जो कि सभी वकील थे के प्रभाव से यहां की राजनीति सही है। यहां की सभी संस्था और संगठनों में वकीलों की भूमिका प्रासंगिक है। वकील समाज का डाक्टर है। जो अपनी कानूनी जानकारी से अत्याचार और अन्याय के खिलाफ जनता के साथ खड़ा रहता है।
– महेश पाटीदार
वकील होता है विधि का ज्ञाता
स्वच्छ राजनीति में वकील की निर्णायक भूमिका रहती है। समाज में फैली भ्रांतियां और भ्रष्टाचार को दूर करने में वकील की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। वकील विधि का ज्ञाता होता है और देश विधि से ही चलता है इसलिए हमेशा विधि वक्ताओं को आगे आकर समाज में सुचिता की राजनीति बरकरार रहे इस ओर निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। इसी से लोकतंत्र सुरक्षित रहेगा और स्वच्छ राजनीति को बढ़ावा मिलेगा। जनता में भी आत्मसम्मान की भावना जागृत होगी।
– युगल बैरागी
सेतु की भूमिका में हैं वकील
जनता और राजनीति के गलियारों के बीच वकील एक सेतु की तरह है जो जनता की समस्याओं को जननेता तक पहुंचाने का काम करता है। जनता को जो भी कानूनी परेशानी विधायिका की ओर से होती है उसका निदान वकील को ही करना होता है। यदि वकील वृहद स्तर पर राजनीति में रुचि दिखाकर जनता का प्रतिनिधित्व करे तो चहुंओर संविधान का शासन लागू होगा। इससे राजनीति में फैली समस्त गंदगी साफ हो जाएगी। इसमें वकील अहम भूमिका निभा सकते हैं।
– प्रवीण मित्तल
वकील निभाएं चाणक्य की भूमिका
वर्तमान परिपे्रक्ष्य में राजनीतिक पार्टियों ने एक दूसरे को स्वीकार करना बंद कर दिया है। पाकिस्तान पर विजय के बाद इंदिरा सरकार का स्पष्ट बहुमत होते हुए भी यूनिइटेड नेशन में देश का पक्ष रखने के लिए विपक्ष के नेता होते हुए भी अटल बिहारी वाजपेयी को भेजा था। वर्तमान में धर्म की राजनीति हो रही है, लेकिन राजनीति का कोई धर्म नहीं रहा। वकील की भूमिका चाणक्य की तरह होना चाहिए जिसने कभी सत्ता की लालसा नहीं रखी लेकिन सड़क पर बैठे एक व्यक्ति चंद्रगुप्त को देश का सम्राट बना दिया।
– मनीष जोशी
राजनीति में वकीलों की भूमिका अहम
देश की संसदीय परम्परा के अनुसार संसद या विधानसभा में बहस कर किसी भी विषय पर पक्ष एवं विपक्ष में अपनी बात रखता है। इसी प्रकार अभिभाषक भी न्यायालय में बारी बारी से अपना पक्ष रखते हैं। लोकसभा और विधानसभा में उभय पक्ष के सांसद व विधायकों द्वारा शोर शराबा कर संसदीय कार्यवाही नहीं चलने दी जाती है। इस कारण से समस्याओं का निराकरण नहीं हो पाता है। लोकसभा और विधानसभा में अभिभाषकों की संख्या कम होने से समस्या का निराकरण नहीं हो पाता है।
– रवींद्र जैन
आज बदनाम हो गई है राजनीति
वकील चाहें तो भी राजनीति को स्वच्छ नहीं कर सकते। बाहूबली, दंबग और पूंजीपति लोगों का राजनीति में अधिक हस्तक्षेप हो गया है। बाहूबलि और संदिग्ध चरित्र के लोगों का राजनीति में दखल रोका जाना आवश्यक है। जब तक इस तरह के लोगों का राजनीति में हस्तक्षेप बंद नहीं किया जाएगा राजनीति को स्वच्छ नहीं किया जा सकता। आज राजनीति बदनाम हो गई है। मनमाने तरीके से कानून में बदलाव किए जा रहे हैं इस पर रोक लगना चाहिए।
– विजय शंकर शर्मा
राजनीति में वकीलों की भूमिका नगण्य
जब देश का संविधान बना था और पहली संसद का गठन हुआ था तब सत्ता में ८० फीसदी वकील थे। आज सक्रिय राजनीति में ५ से ७ फीसदी भी वकील नहीं है। इसका कारण राजनैतिक का गिरता स्तर है। तब बुद्धिजीवी वर्ग में वकालत को सम्मानजनक नजरिए से देखा जाता था। आज यह गौण हो गई है। सार्वजनिक कार्यक्रमों में वकीलों को बुलाया जाना चाहिए ताकि वे अपने विचारों से लोगों को सच्चाई से अवगत कराएं। इससे राजनीतिक स्तर भी ऊंचा उठेगा।
– नौशाद खान
आज हो रही है स्वार्थ की राजनीति
वर्तमान में सेवा का जज्बा नेताओं में कम होता जा रहा है। देखा जाए तो स्वार्थ की राजनीति हो रही है। राजनीति में जब तक सेवा का जज्बा नेताओं में नहीं होगा तब तक राजनीति में बदलाव की उम्मीद करना बेमानी होगा। राजनीति में बदलाव लाने में वकील महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। वकीलों को कानून का सबसे अधिक ज्ञान है। जनहित में कानून का सही तरीके से वे ही पालन करा सकते हें। इसलिए उनकी राजनीति में भी अहम भूमिका है।
– अख्तर अली शाह
वकीलों के अनुकूल नहीं रहे हालात
जब देश में आजादी की लड़ाई लड़ी जा रही थी तब सबसे आगे वकील और बेरिस्टर ही थे। आजादी के बाद पहली संविधानसभा में भी सबसे अधिक वकील ही थे। जब जीवीकोपार्जन के लिए वकीलों को संघर्ष नहीं करना पड़ता था। आज हालात बदल गए हैं। विपरीत परिस्थितियां हो गई हैं। इस कारण राजनीति में वकीलों की भूमिका निरंतर कम होती जा रही है। जब वकील का पेट भरा होगा तब ही वे देश और राजनीति के बारे में सोच सकेगा। स्वच्छ राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेगा।
– रामनिवास पाटीदार
सक्रिय राजनीति में वकील निभाए भूमिका
वकील सक्रिय राजनीति में रहकर भ्रष्टाचार और जनता के शोषण पर अंकुश लगाने का काम कर सकते हैं। राजनीति में वकील भी ऊंचाईयों पर रहे हैं। इसके कई उदाहरण नीमच-मंदसौर जिले में ही देखने को मिल जाएंगे। वकील कानून का जानकार होता है। जनता के अच्छे बुरे की बारीकी से परख रखता है। जनहित में बनाए जाने वाले कानूनों में वकील की भूमिका ही सबसे महत्वपूर्ण रहती है। यह तभी संभव है जब वकील सक्रिय राजनीति में रहकर अपना किरदार निभाए।
– विनोद शर्मा
जनता को वकील ही कर सकते हैं जागरूक
वकील हमेशा से ही राजनीति में अपनी सक्रिय भूमिका निभाते आए हैं। वर्तमान में समय में आमजन के जागरूक करने का काम वकील ही कर सकते हैं। किसी भी प्रकार की समस्या को लेकर व्यक्ति वकील के पास ही आता है। वो ही उन्हें सही राह दिखाते हैं। आज आमजन में शिक्षा का स्तर काफी कम है। इस कारण नेता उन्हें मोहरे के रूप में ही इस्तेमाल करते हैं। वकील लोगों उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करे तो राजनीति भी स्वत: स्वच्छ हो जाएगी।
– अमित शर्मा
राजनीति में वकीलों को मिले आरक्षण
राजनीति में वकील की महत्वपूर्ण भूमिका रह सकती है। विधायिका में कानून बनाया जाता है और वकील ही कानून की व्याख्या करते हैं। अब समय आ गया है कि सभी राजनीतिक दलों को राजनीति में विधि के जानकरों के लिए २० प्रतिशत स्थान आरक्षित रखना चाहिए। वकीलों के लिए विधायक और सांसद के पद आरक्षित होने से कानून बनाने व उसका पालन कराने में सुविधा होगी। वकील हर पहलू की जानकारी रखते हैं। इससे जनता की समस्याओं को दूर करने में लाभ मिलेगा।
– लक्ष्मणसिंह भाटी
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो