डेढ़ दर्जन से अधिक दौडऩे लगी नावें
जैसे ही रामपुरा में पानी की आवक बढ़ गई। वैसे ही निचली बस्तियों से लोगों को निकलने का क्रम शुरू हो गया, ऐसे में जिन मछुआरों ने भारी बारिश को पानी की आवक बढऩे से अपनी नावें पानी से बाहर निकाली थी, वे अपनी नावों से रेस्क्यू ऑपरेशन में जुट गए, जिससे छोटी बड़ी सभी करीब 18 से 20 नावें लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने में जुट गई। रेस्क्यू ऑपरेशन रात से शुरू हुआ जो रविवार दोपहर तक चला।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हुआ जलभराव, मरीजों की कर दी छुट्टी
नगर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जैसे ही जलभराव होने लगा, वहां भर्ती मरीजों की तुरंत छुट्टी कर दी गई। ऐसे में विभिन्न बीमारियों से पीडि़त अपने अपने घर या अन्य शहरों में उपचार कराने के लिए निकल लिए। नगर में करीब ४ फीट से लेकर १७ फीट तक पानी का भराव होनेे से एक नहीं बल्कि कई स्थानों पर दूसरी मंजिल भी डूबती नजर आई। वहीं नगर से आवाजाही का एक मात्र रास्ता जो गायत्री मंदिर से भानपुरा दरवाजा होते हुए वह खुला था, शेष सभी रास्ते पानी के चलते पूर्ण रूप से बंद नजर आए।
आधा दर्जन से अधिक क्षेत्र हुए प्रभावित
रामपुरा में कुशालपुरा, बादीपुरा, इनायतपुरा, राजपुरा, बागवान मोहल्ला, लालबाग, बस स्टैंड, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आदि निचली बस्तियां पूर्ण रूप से जलमग्र हो गई। इन क्षेत्रों से लोगों को अग्रवाल धर्मशाला, औसवाल पंचायत, सरस्वती स्कूल, पोरवाल धर्मशाला, अंजुमन इस्लाम जमात, बालक हायर सेकेंडरी स्कूल आदि स्थानों पर सुरक्षित पहुंचाया गया।
क्षेत्र में पानी की आवक शनिवार रात 12.30 बजे से शुरू हो गई थी, जो देर रात करीब दो बजे तक आधे से अधिक रामपुरा क्षेत्र को जलमग्र गई। हालातों को देखकर पुलिस प्रशासन ने शनिवार शाम को ही अलर्ट कर दिया था, जिन्हें रात से निकालना शुरू किया तो रविवार दोपहर बाद तक रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा। रेस्क्यु ऑपरेशन में करीब 600 से अधिक लोगों को सुरक्षित बाहर निकला गया। नगर में करीब 17 फीट तक पानी विभिन्न क्षेत्रों में भरा, जो रविवार शाम को करीब एक फीट कम भी हुआ।