पास होकर भी दूरियां बना लेने से होती है तकलीफ
संतश्री ने कहा कि लोग कहते हैं जब कोई अपना दूर चला जाता है तो तकलीफ होती है, परंतु असली तकलीफ तब होती है जब कोई अपना पास होकर भी दूरियां बना लेता है। किसी को सजा देने से पहले दो मिनट रुकें। ये याद रखिये, अगर आप किसी की एक गलती माफ करेंगे, तो भगवान आपकी १०० गलतियां माफ करेंगे। गलती जिंदगी का एक पेज है, पर रिश्ते जिंदगी की किताब। जरूरत पडऩे पर गलती का पेज फाडि़ए, एक पेज के लिए पूरी किताब फाडऩे की भूल मत कीजिए। उन्होंने कहा कि बड़ी सोच के साथ दो भाई 40 साल तक साथ रह सकते हैं वहीं छोटी सोच उन्हीं भाइयों को 40 मिनट में अलग कर सकती है। भाई के प्रति हमेशा बड़ी सोच रखिए, क्योंकि दु:ख-दर्द में वही आपका सबसे सच्चा मित्र साबित होगा। संत ललितप्रभ मिडिल स्कूल रोड स्थित जैन भवन में श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पैर में मोच और दिमाग में छोटी सोच आदमी को कभी आगे नहीं बढऩे देती। कदम हमेशा सम्हलकर रखिए और सोच हमेशा ऊंची। एक मिनट में जिंदगी नहीं बदलती, पर एक मिनट में सोचकर लिया गया फैसला पूरी जिंदगी बदल देता है। उन्होंने कहा कि केवल किस्मत के भरोसे मत बैठे रहिये। जीवन में योग्यताओं को हासिल कीजिए। किस्मत से कागज तो उड़ सकता है पर पतंग तो काबिलियत से ही उड़ेगी। याद रखें, भाग्य हाथ की रेखाओं में नहीं अपितु व्यक्ति के पुरुषार्थ में छिपा है। इस दुनिया में नसीब तो उनका भी होता है जिनके हाथ नहीं होते।
संतश्री ने कहा कि लोग कहते हैं जब कोई अपना दूर चला जाता है तो तकलीफ होती है, परंतु असली तकलीफ तब होती है जब कोई अपना पास होकर भी दूरियां बना लेता है। किसी को सजा देने से पहले दो मिनट रुकें। ये याद रखिये, अगर आप किसी की एक गलती माफ करेंगे, तो भगवान आपकी १०० गलतियां माफ करेंगे। गलती जिंदगी का एक पेज है, पर रिश्ते जिंदगी की किताब। जरूरत पडऩे पर गलती का पेज फाडि़ए, एक पेज के लिए पूरी किताब फाडऩे की भूल मत कीजिए। उन्होंने कहा कि बड़ी सोच के साथ दो भाई 40 साल तक साथ रह सकते हैं वहीं छोटी सोच उन्हीं भाइयों को 40 मिनट में अलग कर सकती है। भाई के प्रति हमेशा बड़ी सोच रखिए, क्योंकि दु:ख-दर्द में वही आपका सबसे सच्चा मित्र साबित होगा। संत ललितप्रभ मिडिल स्कूल रोड स्थित जैन भवन में श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पैर में मोच और दिमाग में छोटी सोच आदमी को कभी आगे नहीं बढऩे देती। कदम हमेशा सम्हलकर रखिए और सोच हमेशा ऊंची। एक मिनट में जिंदगी नहीं बदलती, पर एक मिनट में सोचकर लिया गया फैसला पूरी जिंदगी बदल देता है। उन्होंने कहा कि केवल किस्मत के भरोसे मत बैठे रहिये। जीवन में योग्यताओं को हासिल कीजिए। किस्मत से कागज तो उड़ सकता है पर पतंग तो काबिलियत से ही उड़ेगी। याद रखें, भाग्य हाथ की रेखाओं में नहीं अपितु व्यक्ति के पुरुषार्थ में छिपा है। इस दुनिया में नसीब तो उनका भी होता है जिनके हाथ नहीं होते।
हमारी सोच पर निर्भर है हार और जीत
संतश्री ने कहा कि जीवन में आगे बढऩे के लिए आत्मविश्वास जगाइये। खाली बोरी कभी खड़ी नहीं रह सकती और तकिये से कभी कील ठोकी नहीं जा सकती। याद रखिए, पूरी दुनिया में इंसान ही एकमात्र ऐसा प्राणी है जो उठना चाहे तो देवता से भी ऊपर उठ सकता है और गिरना चाहे तो जानवर से भी नीचा गिर सकता है। हार और जीत हमारी सोच पर निर्भर है। मान लिया तो हार और ठान लिया तो जीत। जो लोग अपने हाथों का उपयोग हाथ पर हाथ रखने के लिए करते हैं, वे हमेशा खाली हाथ ही बैठे रहते हैं। भाग्य की रेखाएं चमकाने के लिए लक्ष्य के साथ मेहनत कीजिए, आप पाएंगे आपकी किस्मत केवल चार कदम दूर थी। संतश्री ने कहा कि भाग्य को हरा-भरा रखने के लिए सदा सत्कर्म का पानी डालते रहिये। आखिर हरी घास तभी तक हरी रहेगी, जब तक उसे पानी मिलता रहेगा। जीवन में केवल लाभ ही मत कीजिए कभी उसे पलट कर लोगों का भला भी कीजिए। इससे पूर्व राष्ट्र संतों के नीमच पधारने पर श्रद्धालुओं द्वारा धूमधाम से स्वागत किया गया। कार्यक्रम में सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित थे। मंगलवार को सुबह 8.45 बजे संत प्रवर के दशहरा मैदान के टाउन हॉल में 'जीवन को कैसे स्वर्ग बनाएं' विषय पर प्रवचन होंगे।
संतश्री ने कहा कि जीवन में आगे बढऩे के लिए आत्मविश्वास जगाइये। खाली बोरी कभी खड़ी नहीं रह सकती और तकिये से कभी कील ठोकी नहीं जा सकती। याद रखिए, पूरी दुनिया में इंसान ही एकमात्र ऐसा प्राणी है जो उठना चाहे तो देवता से भी ऊपर उठ सकता है और गिरना चाहे तो जानवर से भी नीचा गिर सकता है। हार और जीत हमारी सोच पर निर्भर है। मान लिया तो हार और ठान लिया तो जीत। जो लोग अपने हाथों का उपयोग हाथ पर हाथ रखने के लिए करते हैं, वे हमेशा खाली हाथ ही बैठे रहते हैं। भाग्य की रेखाएं चमकाने के लिए लक्ष्य के साथ मेहनत कीजिए, आप पाएंगे आपकी किस्मत केवल चार कदम दूर थी। संतश्री ने कहा कि भाग्य को हरा-भरा रखने के लिए सदा सत्कर्म का पानी डालते रहिये। आखिर हरी घास तभी तक हरी रहेगी, जब तक उसे पानी मिलता रहेगा। जीवन में केवल लाभ ही मत कीजिए कभी उसे पलट कर लोगों का भला भी कीजिए। इससे पूर्व राष्ट्र संतों के नीमच पधारने पर श्रद्धालुओं द्वारा धूमधाम से स्वागत किया गया। कार्यक्रम में सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित थे। मंगलवार को सुबह 8.45 बजे संत प्रवर के दशहरा मैदान के टाउन हॉल में 'जीवन को कैसे स्वर्ग बनाएं' विषय पर प्रवचन होंगे।