यह बात कृषि विज्ञान केन्द्र पर बुधवार को वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक आयोजित की गई। राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर के प्रतिनिधि-निदेशक विस्तार सेवाएं डा. वायडी मिश्रा के मुख्य आतिथ्य में बैठक हुई। डा. मिश्रा ने कहा कि जैविक कृषकों का समूह बनाकर जागरूक, प्रोत्साहित एवं प्रशिक्षित करें ताकि अत्यधिक कृषकों को लाभ हो सकें। इस अवसर पर उद्यानिकी महाविद्यालय के प्रभारी अधिष्ठता डा. आईएस नरूका ने संतरा एवं अमरूद के बगीचों में छाया चाहने वाली फसल जैसे अदरक, हल्दी को लगाने, अजवायन एवं सौंफ जो लम्बी अवधि की फसल है उनकी नर्सरी तैयार कर पौधरोपण करने की बात कही। इस वर्ष पानी की अधिकता को देखते हुए कृषक जायद में मूंग की फसल का रकबा बढ़ाएं। बैठक में वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख कृषि विज्ञान केन्द्र मंदसौर डा. जीएस चुंडावत ने प्रगति प्रतिवेदन खरीफ 2019 एवं रबी 2019-20 की प्रस्तावित गतिविधियों की जानकारी प्रस्तुत की। इस कार्यक्रम में प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख कृषि विज्ञान केन्द्र नीमच डा. सीपी पचौरी ने सुझाव दिया। बैठक में वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख कृषि विज्ञान केन्द्र कालूखेड़ा डा. सर्वेश त्रिपाठी, कृषि विभाग के उप संचालक कृषि डा. एएस राठौर, उपसंचालक उद्यानिकी मनीष चौहान आदि ने भी सुझाव दिए। संचालन एवं आभार प्रदर्शन वैज्ञानिक उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण डा. आरसी आसवानी ने किया।