scriptदेखें क्यों प्रायवेट विद्यालय छोड़ शासकीय में लिया बच्चों ने प्रवेश | See children taken out of private school leaving government | Patrika News

देखें क्यों प्रायवेट विद्यालय छोड़ शासकीय में लिया बच्चों ने प्रवेश

locationनीमचPublished: Mar 12, 2018 01:23:32 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

-उपहार योजना से संवरने लगे ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालय-खेल मैदान सहित कम्प्युटर की मिली सौगात-समाजसेवियों ने बढ़ाए विद्यालय विकास के लिए हाथ

patrika

विद्यालय की तस्वीर बदलने लगी

नीमच. शासकीय विद्यालयों को संवारने के लिए समाजसेवियों के हाथ आगे बढऩे लगे हैं। इसी के चलते जिले के कुछ विद्यालयों में न सिर्फ आधुनिक शिक्षा मिलेगी, बल्कि खेलने के लिए मैदान, खेल सामग्री और कम्प्युटर शिक्षा से भी विद्यार्थी लाभांवित होंगे। जैसे ही इन विद्यालयों में समाजसेवियों द्वारा राशि प्रदान की तो तुरंत विद्यालय की तस्वीर बदलने लगी, अगर इसी प्रकार अन्य समाजसेवी भी आगे आए। तो निश्चित ही जिले के सभी शासकीय विद्यालय एक दिन निजी विद्यालयों को पीछे छोड़ देंगे। इसी के चलते इन गांवों के उन विद्यार्थियों ने भी शासकीय विद्यालय में प्रवेश ले लिया है, जो अब तक प्रायवेट विद्यालयों में पढऩे जाते थे।
बतादें कि विद्यालय उपहार योजना के तहत शाला विकास समिति द्वारा जन सहयोग से शालाओं का विकास किया जा सकता है, क्योंकि यह समिति विद्यालयों के विकास के लिए ही बनाई जाती है। जिसके चलते अभी तक करीब ५० से ६० विद्यालयों में विभिन्न सामग्रियां उपहार स्वरूप विद्यालयों में स्थापित होने के कारण विद्यालयों में अध्यनरत बच्चों को काफी सुविधा मिल रही है।
इसी योजना के तहत जिले के दो विद्यालयों में काफी उत्कृष्ट कार्य हुआ है। जिसकी प्रशंसा आलाअधिकारों द्वारा भी की गई। इन विद्यालयों के विकास के लिए एसएमसी द्वारा कम्प्युटर से लेकर खेल मैदान तक की सुविधा प्रदान करने के लिए कार्य किया जा रहा है। ताकि विद्यार्थियों की शैक्षणिक गुणवत्ता के साथ ही शारीरिक गुणवत्ता भी बढ़े।
केस १. शासकीय प्राथमिक विद्यालय शेषपुर तहसील मनासा में संस्था प्रधान की रूचि से जनसहयोग से १ लाख ५१ हजार रुपए की राशि एकत्रित की गई। जिससे कम्प्युटर, शाला के सभी कक्षों के लिए ८ पंखें, प्रत्येक कक्ष में लाईट फिटिंग, वॉल पेटिंग, बगीचे का निर्माण, झूले व स्मार्ट क्लास के कार्य करवाए जा रहे हैं। इस विद्यालय की शिक्षा का स्तर देखते हुए व शाला की बदलती तस्वीर को देखते हुए गांव व अन्य गांव के प्रायवेट विद्यालय के करीब १७ विद्यार्थियों ने प्रायवेट विद्यालय छोड़ शासकीय विद्यालय में प्रवेश लिया। विद्यालय द्वारा हमारी शाला ऐसी हो शाला सिद्धी के आयामों के तहत कार्य किया है।
केस २. शासकीय प्राथमिक विद्यालय उचेड़ तहसील मनासा में भी शाला प्रधान की रूचि से ३ लाख ३० हजार रुपए की राशि जनसहयोग से एकत्रित कर विद्यालय व शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने के कार्य किए जा रहे हैं। जिसके तहत बच्चों के लिए खेल मैदान तैयार करने के लिए मैदान का समतलीकरण, कक्षा में खिड़की व जालियां, लाईट व पंखें फिटिंग, ऑफिस का फर्नीचर, दीवार लेखन और पेंटिंग का कार्य करवाए जा रहे हैं। इस विद्यालय की बदलती तस्वीर और शिक्षा का स्तर देखते हुए प्रायवेट विद्यालय जाने वाले अधिकतर विद्यार्थियों ने शासकीय विद्यालय में प्रवेश लिया, इसी कारण गत वर्ष इस विद्यालय की दर्ज संख्या ७८ थी, जो बढ़कर ८४ हो गई, वहीं अगले सत्र में करीब १२५ बच्चों करने का लक्ष्य रखा गया है।
वर्जन.
शासकीय प्रावि उचेड़ व शासकीय प्रावि शेषपुर में संस्था प्रधान द्वारा रूचि लेकर विद्यालय में विकास कार्य करने पर डीपीसी द्वारा उनके कार्य की सराहना की गई। अभी तक करीब ५० से अधिक विद्यालयों में विद्यालय उपहार योजना के तहत उपहार स्वरूप विद्यालयों में आवश्यक सामग्री प्राप्त हुई है। वैसे तो एसएमसी का कार्य है कि वह जनसहयोग से राशि एकत्रित कर विद्यालय का विकास करवाएं। लेकिन इस कार्य के लिए सामाजिक संस्थाएं और समाजसेवी भी आगे आकर विद्यालय के विकास में आगे आ रहे हैं।
-केएम सौलंकी, सहायक परियोजना समन्वयक

ट्रेंडिंग वीडियो