ड्रम के माध्यम से सोखता गड्ढ़ा तैयार करें
सामान्य तरीके से तैयार किया गया सोखता गड्ढ़ा कुछ समय बाद बंद भी हो सकता है। लेकिन ड्रम की सहायता से तैयार किया गया सोखता गड्ढ़ा निश्चित ही बारिश के दौरान काफी अधिक जल संग्रहित कर सकता है। इस गड्ढ़े को तैयार करने में कोई खास खर्च भी नहीं आता है।
सोश्यल मीडिया पर चर्चित हुआ यह सोखता गड्ढ़ा
किसी अन्य जिले में ड्रम की सहायता से तैयार हुआ सोखता गड्ढ़ा शनिवार को जिले के सोश्यल मीडिया पर काफी चर्चित रहा, जिसने भी इस सोखते गड्ढ़े की प्रक्रिया को देखा, उसने इसी प्रकार के सोखते गड्ढ़े को बनाने की रूचि जताई। इस प्रकार के सोखते गड्ढ़े को कृषि वैज्ञानिकों ने भी बेहतर बताया है।
इस प्रकार तैयार होगा गड्ढ़ा
यह तरीका पूरा रूफ हार्र्वेस्टिंग सिस्टम जैसा है। जिसमें मकान की छत पर गिरने वाले बारिश के पानी को पाईप के माध्यम से नीचे उतारा जाता है। फिर पाईप जमीन पर आने के बाद जमीन पर एक गड्ढ़ा करीब साढ़े तीन बाय साढ़े तीन के करीब व एक टंकी के बराबर गहरा खोदना है। जिसके बाद प्लास्टिक के ड्रम में चहुं ओर एक सिक्के के बाराबर के छेद करने हैं। इसके बाद छेद करी हुई टंकी को गड्ढ़े में उतारकर उसमें छत से आ रहे पाईप का मुहं जोड़ दिया जाता है। इसके बाद टंकी के आसपास गिट्टी व ईंट, पत्थर आदि डाल दिए जाए। उसके बाद प्लास्टिक की थैलियां ऊपर डालकर मिट्टी डाल दी जाए, ताकि ऊपर से कहीं नजर नहीं आए कि यहां गड्ढ़ा है। बस फिर जब भी बारिश होगी, बारिश का पानी छत से उतरकर टंकी में आएगा, वहीं टंकी में से होता हुआ गड्ढ़े में रिसेगा, जिससे वाटर लेवल काफी बढ़ेगा।
सोखता गड्ढ़ा बारिश के पानी को संग्रहित करने का सबसे बेहतर तरीका है। ड्रम के माध्यम से तैयार होने वाला सोखता गड्ढ़ा निश्चित ही जल संरक्षण के लिए कारगार साबित रहेगा। किसान व आमजन को चाहिए कि वे इस प्रकार के गड्ढ़े तैयार करें। ताकि जल संरक्षित होने पर खेती सहित पेयजल के लिए भी पर्याप्त मात्रा में जल संग्रहित हो सके।
-डॉ श्यामसिंह सारंग देवोत, कृषि वैज्ञानिक