मनासा तहसील के कुंदवासा गांव निवासी लक्ष्मीनारायण ने मुक्तिधाम पर आंख में आंसू भरकर कहराती चीख के साथ कहा कि कोरोना से ज्यादा परेशान कर रखा है, चिकित्सीय व्यवस्था ने, अगर उपचार नहंी है तो साफ कह दे, चक्कर कटवाकर थका देते और उसके बाद भी मां कंचन बाई को नहीं बचा पाए। उन्होंने बताया कि चार दिन पहले मां को जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। वहां पर कहां गया कि ऑक्सीजन का इंतेजाम आप करे। बाजार में दौड़ कर जैसे-तैसे व्यवस्था कर सिलेंडर की व्यवस्था की। उसके बाद रेमडेसिविर इंजेक्षन के लिए चिकित्सक ने पर्ची बनाकर कभी यहां जाओ, कभी वहां जाओ चक्कर कटाते रहे, लेकिन इंजेक्शन नहीं मिला और वहीं अंत में ऑक्सीजन भी समाप्त होने पर मां ने आखिरकार दर्दनाम तरीके से आंखों के सामने दम तोड़ दिया। मंत्री, नेता और अधिकारी कुछ नहीं कर रहे है, सिर्फ मरने के लिए लोगों को छोड़ दिया है।
ऑक्सीजन के लिए मंत्री सखलेचा को लगाया फोन तो क्या बोले
पत्रिका टीम कोविड वार्ड पहुंची तो देखा कि एक व्यक्ति फोन पर वार्ड के बाहर परेशान हो रहा था। उससे बातचीत की तो उसने बताया कि मनासा अल्हेड गांव निवासी कनक जैन है। उसके जीजा जी विनोद कुमार जैन कोरोना मरीज है और उनकी श्वास उखड़ रही है। सुबह ही अस्पताल में भर्ती कराया है। लेकिन ऑक्सीजन सिलेंडर लाने के लिए चिकित्सक कह रहे है। वह उसी के चलते इधर-उधर कॉल कर जुगत में लगा है। अंत में केबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा को उसने मीडिया के सामने ही कॉल किया। जिस पर अपने जीजा जी की स्थिति को बताकर उनसे ऑक्सीजन सिलेंडर की मदद मांगी। जिस पर मंत्री जी ने जवाब दिया कि अस्पताल में भर्ती कराओ, अभी तो पूरे देश का यही हाल है। वह भी एक ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध नहीं करा पाए।
उखड़ती श्वास छोड़कर लंच में चला गया स्टॉफ
इसी दौरान पत्रिका से बातचीत करते हुए डिकेन निवासी बबलू सुथार ने बताया कि कोरोना से भाई शंभूलाल सुथार पीडि़त है, जिसे भर्ती कराया है। उसकी श्वास उखड़ रही है। चिकित्सक के कहने पर वह निजी रूप से ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था कर लेकर आए है। लेकिन स्टॉफ लंच में चला गया और कोई सिलेंडर लगाने वाला नहीं है। इस दौरान दोपहर २ बजकर ०९ मिनट पर सिविल सर्जन बीएल रावत को फोन लगाया तो उन्होंने भी फोन नहीं उठाया।
कोरोना पॉजीटिव को नहीं किया भर्ती
नीमच शक्ति नगर निवासी युवक हिम्मत नाथ कोविड वार्ड के बाहर घबरा रहा था। उसने पत्रिका को बताया कि कुछ दिन पहले उसे बुखाार आया था और जुकाम खांसी हुई थी। जिला चिकित्सालय में जांच कराई थी। अभी रिपोर्ट कोरोना पॉजीटिव आई है। उसके बाद भी उसे यहां पर भर्ती नहीं किया जा रहा है। वह गरीब व्यक्ति के घर पर अलग होम क्वारंटीन नहीं हो सकता है।
ऑक्सीजन की कमी है
ऑक्सीजन की समस्या तो सभी दूर है, प्रयास कर क्रिटकल मरीजो को उपलब्ध कराई जा रही है। एक माह में ऑक्सीजन प्लांट बनने के बाद काफी राहत मिलेगी। अभी तो दिक्कत आ रही है। कोरोना के दौरान भर्ती मरीज की मौत की सूची बताई जा रही है।
– डॉ. महेश मालवीय, सीएमएचओ नीमच।