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Synthetic Milk सिंथेटिक दूध मिलने के बाद भी कुंभकर्णीय नींद में अधिकारी

locationनीमचPublished: Jul 23, 2019 01:29:33 pm

Submitted by:

Mukesh Sharaiya

आश्चर्य कि विभाग को ही नहीं पता कि जिले में कितनी संचालित हैं डेयरी
 

Synthetic Milk Letest Hindi News In Neemuch

नीमच सिटी स्थित नाकोड़ा दूध भंडार से भैंस के दूध का सेम्पल लेते हुए खाद्य एवं औषधि अधिकारी राजू सोलंकी।

नीमच. पिछले दिनों सिंथेटिक दूध मिलने के बाद जहां शासन ने सख्ती के संकेत दिए हैं, वहीं जिला प्रशासन सुस्त है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी को तो यह तक पता नहीं है कि उनके विभाग में चल क्या रहा है। दुकानों से दूध व पनीर के सेम्पल लिए जा चुके हैं, लेकिन अधिकारी अनजान हैं। हालात यह है कि विभाग में इस बात का आंकड़ा तक उपलब्ध नहीं है कि जिले में कितनी डेयरी संचालित हैं। कितने दूध विक्रेता प्रतिदिन बाइक या अन्य माध्यमों से दूध बचने जाते हैं।

केवल दिखावे के लिए जा रहे सेम्पल
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग का काम है कि जो भी खाद्य सामग्री खुले में बिक रही है उसकी समय समय पर जांच की जाए। जिले में एक जनवरी से 20 जुलाई तक मात्र छह दुकानों से जांच के लिए सेम्पलिंग की गई है। आश्चर्य की बात है कि विभाग के अधिकारियों को खुली बिकने वाली खाद्य सामग्री की जांच करना चाहिए, लेकिन छह दुकानों में से 3 दूकानों में से दूध के पाउच के नमूने लिए गए। छह जांच में से एक दुकान से लिया गया दूध का सेम्पल मानक स्तर का नहीं पाया गया। 17 जून 2019 को लिया गया गाय-भैंस का मिश्रित दूध का सेम्पल अमानक पाया गया था। संबंधित को नोटिस जारी करने की बात विभाग के अधिकारियों ने की है। पिछले साल विभाग की ओर से नीमच, जावद और सिंगोली में दुकानों से बर्फी और घी के नमूने लिए गए थे। 24 अगस्त 18 से एक नवंबर 18 के मध्य 7 दुकानों से सेम्पलिंग की गई थी। इनमें से शानू मिष्ठान भंडार जावद से लिया गया बर्फी का नमूना अमानक पाया गया था। सिंगोली स्थित जोधपुर मिष्ठान भंडार से लिया घी का सेम्पल अमानक निकला था। जावद बस स्टैंड से ही मिनाक्षी स्वीट्स से लिया गया बर्फी का सेम्पल भी मिथ्याछाप मिला था। शेष 4 दुकानों से लिए गए सेम्पल मानक स्तर के पाए गए थे। सिंगोली की जोधपुर मिष्ठान भंडार से मिले अमानक घी के संबंध में जोधपुर की संबंधित कम्पनी को भी आरोपी बनाया जाएगा।

नहीं मिला डेयरी और दूध विक्रेताओं का डाटा
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की ओर से सोमवार को 3 दुकानों से सेम्पलिंग की गई। तीनों दुकानों से दूध, पनीर और मावा का सेम्पल लिए गए। भागेश्वर मंदिर के समीप स्थित राजू दूध डेयरी से पनीर का सेम्पल लिया गया। नीमच सिटी स्थित नाकोड़ा दूथ भंडार से भैंस के दूध का और टैगोर मार्ग स्थित मोहन मिष्ठान भंडार से मावा का सेम्पल लिया गया है। इन सेम्पलों को जांच के लिए भोपाल प्रयोगशाला भेजा जाएगा। यह कार्रवाई खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के आयुक्त के निर्देश पर की गई। आयुक्त ने दूध और दूध से बनने वाले उत्पाद के नमूने लेने के निर्देश दिए हैं। आश्चर्य की बात है कि 19 जुलाई को भिंड में सिंथेटिक दूध मिलने से सनसनी फैली थी। इसके बाद भी नीमच जिले के अधिकारी नींद में थे। जब तक उच्चाधिकारियों से निर्देश नहीं मिले तब तक सेम्पलिंग की कार्रवाई नहीं की। चौकाने वाली बात केवल यही नहीं है। इस विधाग के उपसंचालक डा. एसएस बघेल (सीएमएचओ भी हैं) को यह तक नहीं पता है कि उनके विभाग में अधीनस्थ अधिकारी कर क्या रहे हैं। जिले में कितनी डेयरी और खुला दूध बेचने वाले लोग हैं। इस संबंध में विभाग के पास कोई डाटा अपडेट नहीं मिला। अनुमान से कहा कि करीब 200-250 डेयरी और 400 से 500 दूध विक्रेता होंगे।

हां, नहीं की कोई कार्रवाई
भिंड़ में सिंथेटिक दूध मिलने के बाद नीमच जिले में कहीं कोई जांच या कार्रवाई नहीं की गई है। मैं संबंधितों को नोटिस जारी करूंगा कि वे कार्रवाई करें।
– डा. एसएस बघेल, अभिहित अधिकारी एवं उपसंचालक
खाद्य एवं औषधि प्रशासन
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