१०८ कलश के साथ निकली खटवांग महाराज की शोभायात्रा
नीमचPublished: Jan 22, 2018 10:56:41 pm
– खटीक समाज ने मनाई खटवांग जयंती- डीजे, ढोल, रेलगाड़ी और भजनों की गूंज रही शहर के मुख्य बाजारों में
कलश शिरोधार्य किए समाज की महिलाएं लाल चुनरी में।
नीमच. खटीक समाज द्वारा आराध्य देव खटवांग महाराज की जयंती सोमवार को धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर १०८ कलश शिरोधार्य किए महिलाएं, अश्वों पर सवार समाजजन, डीजे और ढोल की थाप पर मधुर भजनों पर झूमते हुए युवक, युवतियां सहित समस्त समाजजन शोभायात्रा में चल रहे थे। शोभायात्रा बारादरी चौराहे से प्रारंभ होकर शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए। रतनदेवी मांगलिक भवन पहुंची, जहां पर समाज के प्रतिभावान विद्यार्थियों का सम्मान करने के साथ ही विभिन्न आयोजन किए गए।
खटीक समाज के तत्वावधान में आराध्य देव खटवांग महाराज की जंयती महोत्सव पर सोमवार को भव्य शोभायात्रा निकाली गई। जिससे पहले बारादरी चौराहा पर खटवांग महाराज की पूजा अर्चना की गई। इस अवसर पर पूजन, घुड़सवारी, कलश आदि चढ़ावे की बोलियां लगाई गई। जिसमें समाजजनों ने बढ़कर चढ़कर भाग लिया। शोभायात्रा में खटवांग महाराज का रथ फूलों से सजा हुआ था। शोभायात्रा में सबसे आगे चार घोड़ों पर चढ़ावे के बोली लेने वाले समाजजन बैठे थे। वहीं डीजे पर खटवांग जयंती व माता के भजनों की स्वरलहरियां बिखरी रही थी। वहीं महिलाएं लाल चुनरी की साडिय़ों व पुरूष सफेद वस्त्रों में शामिल थे। नन्नें मुन्ने बच्चे नगरपालिका की रेलगाड़ी में सवार थे।
शोभायात्रा का सब्जी मंडी चौराहा, कमल चौक, फोरजीरो चौराहा, लांयस प्लेटेनियम चौराहा पर विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा पुष्पवर्षा कर सम्मान किया गया। शोभायात्रा बारादरी चौराहा, फव्वारा चौक, कमल चौक, लांयस प्लेटिनम चौराहा होते हुए रतनदेवी मांगलिक भवन पहुंच कर सम्मान समारोह में परिवर्तित हो गई । इस अवसर पर समाजजनों द्वारा कक्षा १० वीं एवं १२ वीं में 70 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल करने वाले ३८ विद्यार्थियों एवं उनके माता-पिता का सम्मान किया गया ।
इस अवसर पर काशीराम गोवर्धनलाल, जगदीश बोरीवाल, विनोद बोरीवाल, आशा बोरीवाल, अनिल सांवलिया, हिमांशु, शुभम, निखलेष, मनोहर, दिलीप, राहुल , संदीप पंवार, भोला जैयसवार आदि ने पुष्पवर्षा से स्वागत किया। कार्यक्रम में काशीराम बोरिवाल ने कहा कि समाज उत्थान के लिए संगठन, शिक्षा, सर्मपण, संस्कार जरूरी है। कार्यक्रम में गोरधनलाल, सुरेश राजोरा, मोहनलाल, गोरधनलाल गहरवाल ने भी विचार व्यक्त किए ।