नीमचPublished: Nov 08, 2022 07:31:31 pm
Virendra Rathod
- शिकायत के बाद भोपाल डायोसिस के बिशप मनोज चरण से ईओडब्ल्यू ने की पूछताछ शुरू
नीमच। देश में मिशन की भूमि पर कब्जे और बेचने का खेल नया नहीं बल्कि वर्षो पुराना है। अब तक कई जिले में मिशनरी की करोड़ो की भूमि औने पौने दामों पर बैनामा या पट्टा कर दी गई है। जबकि इंडियन ट्रस्ट एक्ट के तहत अंग्रेजों के जाने के बाद मिशनरी की भूमि के देखरेख व संस्थाओं के संचालन का हक स्थानीय इसाइयों का है। वर्षो से चल रहे फर्जीवाडे के इस खेल के खिलाफ अब स्थानीय इसाई समाज के लोगों ने आवाज उठाई है। जिसे पत्रिका अखबार ने प्रमुखता से प्रकाशित कर फर्जीवाड़ा के खिलाफ प्रशासन को भी चेताया था। लंबी जांच बाद जबलपुर में ईसाई धर्मगुरु व पूर्व बिशप पीसी सिंह ने जबलपुर में ही नहीं बल्कि भोपाल डायोसिस की जमीनों में भी फर्जीवाड़ा करना सामने आया है। पीसी सिंह ने अपने रसूख के चलते नीमच की जमीन पर बज का स्कूल बनाकर कब्जा किया है। नीमच मसीह मिशनरी भूमि व परिसर में स्थित स्कूल और स्थान को लेकर सामने आ रहा है। स्थानीय ईसाई व मसीह मिशनरी चिल्ड्रन होम व अनाथालय की वार्डन परिना मंडलोई ने मसीह स्कूल का नाम परिवर्तन कर अन्य संस्था को सौंपने पर आपत्ति लगाई थी, वहीं मिशनरी की पुरानी चार दीवारी बनी होने के बाद भी यहां पर निर्माण बेफिजूल करवाकर कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा था। यहां तक की भोपाल, जबलपुर, नीमच में स्कूल हथियाने के बाद शिक्षकों की नियुक्तियां भी कर डाली गई थी। इस बात की जानकारी भोपाल डायोसिस के बिशप मनोज चरण ने ईओडब्ल्यू को पूछताछ में दी है, मनोज चरण ने इसके अलावा भी पीसी सिंह द्वारा किए गए कारनामों के बारे में बताया है। इस घटना के बाद नीमच सीएनएन चर्च के पदाधिकारियों के बीच हडकंप मच गया है।