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यहां जांच में हुआ चौकाने वाला खुलासा, 59 हजार निकले फर्जी

locationनीमचPublished: Feb 26, 2020 01:44:34 pm

Submitted by:

Mukesh Sharaiya

नगरपालिका नीमच में सबसे अधिक 14 हजार श्रमिक फर्जी

Neemuch

नीमच

नीमच. नगरीय निकायों तथा जनपद पंचायतों में संबल योजना (अब नया सवेरा) में हुए सर्वे के बाद चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। जिले की तीन जनपद पंचायतों और 12 नगर निकायों में कुल 58 हजार 952 श्रमिक अपात्र पाए गए हैं। इन अपात्रों श्रमिकों को अब नया सवेरा योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा।
भाजपा सरकार में श्रमिकों के लिए ‘संबल योजनाÓ प्रारंभ की गई थी। कांग्रेस सरकार ने योजना का नाम बदलकर ‘नया सवेरा योजना’ कर दिया। संबल योजना में कई प्रकार की गड़बडिय़ां सामने आने पर कांगे्रस सरकार ने संबंधित विभागों को पुन: सत्यापन कराने के निर्देश दिए थे। सत्यापन होने के बाद कई चौकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। जिला कांग्रेस के प्रवक्ता भगत वर्मा ने बताया कि पूर्व की भाजपा सरकार के जनप्रतिनिधियों एवं कार्यकर्ताओं ने इस योजना का जमकर दुरुपयोग किया था। इस योजना में भाजपा समर्थित कार्यकर्ताओं जोड़ा गया था। भाजपा शासनकाल में कई बेरोजगार युवकों को भी श्रमिक बना दिया गया था। साथ ही साथ भाजपा समर्थित संपन्न लोगों को भी इस योजना में शामिल कर लिया गया था। अनेक विसंगतियां होने के बाद इस संबल योजना को बंद कर सवेरा योजना के तहत इसे प्रारंभ किया गया। भाजपा के शासनकाल में पात्र श्रमिकों को इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा था।
सर्वे में कटे हजारों अपात्र श्रमिकों के नाम
नगरपालिका नीमच में 24 हजार 826 श्रमिकों का सत्यापन किया गया। इसमें 14 हजार 147 श्रमिक अपात्र पाए गए। इसी प्रकार जावद नगरपरिषद में 317, मनासा नगर परिषद में 2 हजार 28, रामपुरा नगर परिषद में 351, कुकड़ेश्वर नगर परिषद में 628, जीरन नगर परिषद में 299, अठाना नगर परिषद में 71, नयागांव नगर परिषद में 77, सिंगोली नगर परिषद में 105, रतनगढ़ नगर परिषद में 205, डीकेन नगर परिषद में 244 और सरवानिया महाराज नगर परिषद में 364 श्रमिक अपात्र पाए गए। इस प्रकार जावद जनपद में 22 हजार 695 श्रमिक अपात्र पाए गए। मनासा जनपद पंचायत में 6 हजार 728 तथा नीमच जनपद पंचायत में 10 हजार 600 श्रमिक अपात्र पाए गए। जिले में अब भी 54 हजार 782 प्रकरण लंबित हैं।
कार्यकर्ताओं को लाभ पहुंचाने जुड़वाए थे नाम
भाजपा सरकार में पार्टी कार्यकर्ताओं को लाभ दिलाने के उद्देश्य से अपात्र होते हुए भी उनके नाम संबल योजना में जोड़े गए थे। कांग्रेस सरकार में जब सर्वे हुआ तो सच्चाई स्वत: सामने आ गई। पिछले साल दिसंबर 2019 तक असंगठित श्रमिकों का भौतिक सत्यापन कराया गया। जिले में कुल 2 लाख 96 हजार 950 श्रमिकों का सत्यापन हुआ था। इन सभी के नाम संबल योजना में जोड़े गए थे। सत्यापन के समय यह एक बड़ी बात सामने आई जिन श्रमिकों के भाजपा के शासनकाल में संबल कार्ड बने थे। इनमें से अधिकांश लोगों के नाम पते तक नहीं मिले। संबंधित विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार 3 लाख 2 हजार 744 श्रमिकों के सत्यापन का लक्ष्य रखा गया था। इसके तहत 2 लाख 37 हजार 998 श्रमिक पात्र पाए गए। 58 हजार 952 श्रमिक अपात्र मिले। सत्यापन के बाद इस योजना से एक लाख 912 श्रमिकों को बाहर किया गया है।
– भगत वर्मा, प्रवक्ता जिला कांग्रेस
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