जेल में शिक्षक बंदियों को पढ़ाएंगे शिक्षा का पाठ
नीमचPublished: Feb 23, 2018 01:27:07 pm
– अपराधियों में ज्ञान का प्रकाश करने अनूठी पहल- पहले चरण में की उपजेल में विशेष पुस्तक वितरित
उपजेल जावद में बंदियों को पुस्तक वितरित करते हुए।
सुबोध त्रिपाठी नीमच. पढ़ा लिखा व्यक्ति अपराध से कौसों दूर रहता है, क्योंकि उसे पता होता है कि किसी भी प्रकार का अपराध करने पर उसे सजा अवश्य मिलना है। ऐसे में वे लोग अपराध कर जाते हैं जो शिक्षा की मुख्य धारा से वंचित रहते हैं। इस कारण राज्य शिक्षा केंद्र ने अब बंदियों को भी साक्षर बनाने की ठान ली है, ताकि वे ज्ञान प्राप्त कर अपराध की दुनिया से मुहं मोड़ लें। जिसके तहत शीघ्र ही जेलों में समीपस्थ विद्यालय के शिक्षकों द्वारा बंदियों को पढ़ाया जाएगा।
बतादें की राज्य शिक्षा केंद्र के निर्देशानुसार जिला शिक्षा केंद्र द्वारा साक्षर भारत योजना के तहत बंदियों को साक्षर बनाने की पहल की जा रही है। जिसके तहत डीपीसी डॉ पीएस गोयल, एपीसी केएम सौलंकी द्वारा उपजेल जावद में बंदियों से चर्चा करते हुए उन्हें आखर साथी नामक पुस्तक वितरित की गई। इस पुस्तक में प्रारंभिक ज्ञान जैसे गिनती, पहाड़े, बाराखड़ी, कविता, जोड़ घटाव, समय देखना, लीटर मिलीलीटर का माप, किलोग्राम की ईकाई, कृषि के तरीके, सामान्य ज्ञान सहित वे सभी पाठ्य सामग्री है, जो एक सामान्य व्यक्ति के जीवन में बहुत जरूरी होती है।
बंद दरवाजे में लगेगी क्लास
्र योजना के तहत पहले चारण में बंदियों को पुस्तक का वितरण किया गया है। इसके बाद शीघ्र ही एक सप्ताह बाद एक समीक्षा बैठक का आयोजन कर जेल में आवश्यकतानुसार दो या चार दिन में एक बार समीपस्थ विद्यालय के शिक्षक द्वारा पहुंचकर बंदियों को पढ़ाया जाएगा। शिक्षक द्वारा पहले बंदियों का शैक्षणिक स्तर की जांच की जाएगी। कि उन्हें किस स्तर का ज्ञान है और कहां से उन्हें पढ़ाना शुरू करना है। ताकि वे इतना कुछ सीख जाए जिससे कि भविष्य में जब वे बाहर निकले तो कुछ छोटा मोटा कामकाज कर अपने पैरों पर खड़े हो जाएं, व दोबारा अपराध की दुनिया में कदम न रखें।
२५ मार्च को होगी परीक्षा
निराक्षर बंदियों को साक्षर बनाने के उद्देश्य से पहले उनहें ज्ञान प्रदान किया जाएगा, उसके बाद २५ मार्च को आयोजित होने वाली साक्षर परीक्षा में उन्हें भी शामिल किया जाएगा, ताकि उनकी शैक्षणिक गुणवत्ता की जांच हो जाए, इसके बाद वे जहां जहां कमजोर नजर आएंगे, शिक्षकों द्वारा उसी के आधार पर उन्हें पढ़ाया जाएगा। ताकि वे गणित से लेकर सामान्य ज्ञान तक के ज्ञानी हो जाए, इस परीक्षा में जो सफल होगा उन बंदियों को साक्षरता का प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाएगा।
वर्जन.
बंदियों को साक्षर बनाने के लिए उपजेल जावद में आखर साथी नामक पुस्तक का वितरण किया गया है। राज्य शिक्षा केंद्र की मंशानुसार शीघ्र ही एक समीक्षा बैठक का आयोजन कर उपजेल जावद और कनावटी स्थित जेल में समीपस्थ विद्यालय के शिक्षक की ड्यूटी लगाकर बंदियों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ा जाएगा। जिसका मुख्य उद्देश्य बंदियों में ज्ञान का प्रकाश करना है, ताकि वे जब भी बाहर निकले स्वयं ही अपराध की दुनिया से मुहं मोड़कर एक सामान्य नागरिक का जीवन यापन करें।
-केएम सौलंकी, सहायक परियोजना समन्वय, नीमच