उदयविहार में मंदिर में पूजा करने आई कविता सिंह ने बताया कि गणगौर का पर्व सुहाग का प्रतीक होता है। जिसको लेकर महिलाओं द्वारा शीतला सप्तमी से 16 दिन तक प्रतिदिन गणगौर माता की आराधना एवं पूजा की जाती है। साथ ही 16 दिन तक अलग-अलग स्थानों से गणगौर के झाले देकर बिंदौरा निकाला जाता है। शुक्रवार को बड़ी गणगौर के अवसर पर महिलाओं ने व्रत रखकर सोलह सिंगार किया एवं जवाहर नगर के समीप एक मकान में गणगौर माता की पूजा अर्चना की गई। वहीं उदयविहार शिव मंदिर के पंडित शर्मा ने बताया कि कोराना वायरस के चलते गणगौर पूजा में काफी एतिहायत बरती गई है। महिलाओं की भीड़ एकत्रित नहीं होने दी गई है। वहीं दूरी बनाकर पूजा करवाई है। पांच महिलाओं से अधिक को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया गया है।
कोरोना वायरस संक्रमण के चलते पूजा में कुछ बदलाव
गणगौर की पूजा करने आई अंजली सिंह ने बताया कि इस वर्ष कोराना के कारण गणगौर का बिंदौरा नहीं निकाला गया और बड़ी गणगौर होने के कारण अपने सुहाग के लिए यह पूजा करना अति आवश्यक थी। इसलिए शुक्रवार को गणगौर की पूजा अर्चना कर 16 गुनिए चढ़ाए गए महिलाओ द्वारा गणगोर के झाले भी दिए गए। साथ ही व्रत खोलने के पूर्व इसब्जी ओर गणगोर माता को मिठाई का भोग लगाया गया। उसके बाद महिलाओं ने व्रत खोला। कोरोना को देखते हुए शासन के नियमों का पालन करते हुए पूर्णत: सेफ्टी बरती गई है। मास्क का उपयोग कर चार.चार महिलाओं को ही पूजा करने का मौका दिया गया है।भी दिए गए। साथ ही व्रत खोलने के पूर्व इसब्जी ओर गणगोर माता को मिठाई का भोग लगाया गया। उसके बाद महिलाओं ने व्रत खोला। कोरोना को देखते हुए शासन के नियमों का पालन करते हुए पूर्णत: सेफ्टी बरती गई है। मास्क का उपयोग कर चार.चार महिलाओं को ही पूजा करने का मौका दिया गया है।