दरअसल करीब तीन साल पहले बारिश के मौसम में नीमच जिले में स्थित रामपुरा शहर पूरी तरह तालाब में तब्दिल हो गया था, क्योंकि गांधी सागर बांध की रामपुरा स्थित रिंगवाल से अचानक पानी शहर में प्रवेश कर गया था, ऐसे में देखते ही देखते पूरा शहर पानी की आगोश में डूब गया था, लोग अपनी जान बचाने के लिए दौड़ते-भागते नजर आए थे, बताया जा रहा है कि यहां इससे पहले वर्ष 1960 में ऐसी त्रासदी आई थी, अब लोग बारिश में रिंगवाल को लेकर हमेशा चिंतित रहते हैं। वहीं गांधी सागर बांध को लेकर कैग ने रिपोर्ट प्रस्तुत कर उसे पूरी तरह सुरक्षित बताया है। आईये जानते हैं क्या कहती है कैग की रिपोर्ट।
पूरी तरह सुरक्षित है गांधी सागर बांध
कैग की रिपोर्ट में गांधी सागर बांध पूरी तरह से सुरक्षित बताया जा रहा है, करीब आठ माह पहले कैग द्वारा बताई गई रिपोर्ट के अनुसार बांध की डाउन स्ट्रीम की स्पिल-वे के नीचे जल बहाव क्षेत्र में गहरे गड्ढे हो गए थे, लेकिन हालही आई रिपोर्ट में बताया गया कि बांध की डाउन स्ट्रीम की स्पिल-वे के नीचे जल बहाव क्षेत्र में गहरे गड्ढे नहीं पाए गए हैं। साथ ही स्पिल-वे के उत्प्लव मार्ग में किसी तरह का डैमेज नहीं है। इस जांच के लिए रावतभाटा के राणाप्रताप सागर बांध को भी 1138 फीट तक खाली कराया गया था। जांच पूरी होने के बाद गांधीसागर बांध से बिजली उत्पादन कर पानी छोड़ा जा रहा है। ये पानी राजस्थान में स्थित राणाप्रताप सागर में आएगा।
जल संसाधन विभाग रावतभाटा के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर रविंद्र कटारा ने बताया कि राणाप्रताप सागर बांध का जलस्तर 1137.87 फीट है। वहीं गांधीसागर का जलस्तर 1299.24 फीट है। गांधीसागर बांध का पानी राणा प्रताप सागर बांध के वाटर लेवल को 1143 फीट तक पहुंच जाए, उतना पानी गांधी सागर बांध से छोड़ा जाएगा।