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कोरोना महामारी में संजीवनी का काम कर रहे यह समाजसेवी

locationनीमचPublished: Apr 29, 2021 07:44:39 pm

Submitted by:

Virendra Rathod

– 27 जिलों में हेल्पलाइन बनाकर ऑक्सीजन करा रहे मरीजों को उपलब्ध

कोरोना महामारी में संजीवनी का काम कर रहे यह समाजसेवी

कोरोना महामारी में संजीवनी का काम कर रहे यह समाजसेवी

नीमच। कोरोना माहमारी जिले ही नहीं पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है, इस माहमारी में जहां कुछ लोगों ने इंसानियत को दांव पर लगाया है, वहीं कुछ इंसानों ने इंसानियत को जिंदा रखने का काम भी कर रहेें है। जहां इस माहमारी में निजी अस्पताल और मेडिकल स्टोर दवाईयों की कालाबाजारी कर तगड़े दाम कमाकर लोगों का खून चूस रहें है, ऐसे में मालवा में सक्रिय एक समाजसेवी की टोली श्वास उखड़ती जिदंगी को ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करवाकर उनके लिए संजीवनी का काम कर रही है।

पत्रिका ने इस माहमारी के दौर में अव्यवस्था से लेकर कालाबाजारी उजागर की है। वहीं यह एक तबका है जो मानवता को जिंदा रखने का काम कर रहा है। ब्रजभूमि फाउंडेशन नारी शक्ति की मेंटर्स हेमा मालिनी, संस्थापक अश्विन चौधरी मध्य प्रदेश अध्यक्ष साजिया शेख के नेतृत्व में मालवा प्रांत में यह फाउंडेशन कई जिलों में कार्य कर रहा है। कोरोना के संकट काल में कोविड हेल्पलाइन के नाम से अलग-अलग जिलों में समूह बनाए गए हैं। इन समूह के माध्यम से उस जिले के जितनी भी मददगार हैं उन्हें मदद करना उनकी हर संभावित सहायता करना इस फाउंडेशन का उद्देश्य है। अब तक मालवा में उज्जैन जिले में उज्जैन प्रेसिडेंट शबाना खान नीमच जिले में नीमच प्रेसिडेंट पिंकी गहलोत इसमें वर्क कर रही है, जो स्वयं एक सामाजिक कार्यकर्ता है और दूसरी भी सामाजिक संगठनों से जुड़ी हुई ह।ै दिन भर में कई सारे कॉल ऑक्सीजन सिलेंडर इंजेक्शन बेड एडमिशन दवाइयों के लिए आते हैं। कई ऐसी होती है जिन्हें पूरा करना बहुत मुश्किल होता है।

कोरोना सदमे से बाहर ला रही है रोगियों को
अब तक हम सब देख रहे हैं कि इस गंभीर महामारी में सबसे ज्यादा अगर आवश्यकता है तो वह हौसले की मनोबल को बढ़ाने की है। शबाना खान पिंकी गहलोत द्वारा ऐसे मरीजों और उनके परिवारों से फोन पर काउंसलिंग भी की जाती है, उनका मनोबल बढ़ाने के लिए उन्हें प्रेरित किया जाता है। वैक्सीन का प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है दिन भर में 5 से 7 इंजेक्शन और सिलेंडर के लिए इधर-उधर सहयोग के लिए कॉल करना और जरूरतमंदों की जरूरत को पूरा करना यही संकल्प लेकर सुबह के सूरज के साथ दिन निकलता है और ईश्वर से यही प्रार्थना होती है कि आज सब ठीक हो जाए और किसी को इन सब चीजों की आवश्यकता ना हो फिर भी अगर किसी को इस महामारी में इन सब की जरूरत लगती है और हमें कॉल आए तो हम उसकी मदद कर सकें। कई सारे पेशेंट हमारे सामने हमने देखे हैं कि उनकी जरूरतें पूरी नहीं हो सकीं और उन्होंने इस गंभीर बीमारी से उनका अंत हो गया प्रकृति के साथ जितना मनुष्य ने खिलवाड़ किया है। आज प्रकृति उतना ही मनुष्य का मजाक बना रही है, हर समय कहां जाता है, वृक्षारोपण करना चाहिए पर अधिकतर हम पौधे तो लगाते हैं। परंतु सिर्फ फोटो खिंचवाने के लिए उन्हें जीवित बहुत कम लोग रखते हैं अगर हम प्रण ले ले की हर व्यक्ति जितने परिवार में सदस्य हैं वह सब एक-एक पौधा प्रतिवर्ष लगाएंगे और उन्हें जीवित रखेंगे तो आज जो संकट पूरे विश्व पर आया है शायद दोबारा ऐसा कोई संकट का सामना हमें ना करना पड़े। दिन भर में कई मरीजों के कॉल आते हैं उनके परिवार के कॉल आते हैं कि उनका स्वास्थ्य अचानक बिगड़ रहा है और उन्हें हॉस्पिटलाइज की आवश्यकता है उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट नहीं किया जा रहा है अगर एडमिट हो गए हैं तो उन्हें वहां वह सुविधाएं नहीं मिल रही हैं, जो मिलना चाहिए।

इंजेक्शन की कालाबाजारी बड़ी चुनौती
समाजसेवी शबाना खान ने बताया कि मन बहुत विचलित होता है क्योंकि इस दौर में और इस महामारी में हम जितनी भी मदद हो सकती है, फोन कॉल्स पर या सामान्य दूरी बनाकर ही पूरी कर सकते हैं दुनिया में शायद यह पहली महामारी है जिसने मनुष्य को मनुष्य से दूर कर दिया इंजेक्शन ओं की कालाबाजारी में गरीब इंसान जो बीमार है उनकी कमर तोड़ दी है। जो मात्र 900 का इंजेक्शन 30000 में खरीदने पर मजबूर है। इस दवाई के बदले कई दवाइयां इस के रूप में भी कारगर सिद्ध हुई है पर मार्केट की कालाबाजारी ने गरीब इंसान का जीना दुश्वार कर दिया ब्रजभूमि फाउंडेशन ऑल इंडिया में काम कर रहा है। अब तक 26 जिलों में हमारी टीम काम कर रही है। 26 जिलों में महिलाएं सशक्त हैं और महिलाएं ही इस टीम को लीड कर रही हैं। मातृ शक्ति को नमन सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में अब तक पिछले 15 सालों से कार्य करते आ रहे हैं, परंतु इस महामारी मैं जो व्यक्ति सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए जीते थे, उन्हें भी फिक्र मन समाज के लिए और परिवार के लिए बना दिया कई ऐसे व्यक्तियों को भी देखा है। जिनके पास बहुत पैसा है पर बीमारी के आगे वह पैसा भी काम नहीं आया उन्हें जरूरत पडऩे पर ना हॉस्पिटल मिला ना बेड मिला ना इंजेक्शन मिला ऑक्सीजन मिला इस महामारी में सामान्य दूरी बना कर रखना जरूरी है लोगों से दूरी ना बनाएं जितना हो सके जरूरतमंदों की मदद करें शबाना खान ब्रजभूमि फाउंडेशन के साथ-साथ मानवाधिकार अपराध नियंत्रण संगठन संभाग अध्यक्ष भी हैं पिंकी गहलोत भी मानव अधिकार से नीमच प्रेसिडेंट है नीमच में वसीम खान, पुष्पा चौरसिया, जीनत बी, उज्जैन जिले से परशराम जाट, नागु वर्मा और भी कई सहयोगी साथी सहयोग कर रहे हैं।

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