
नीमच। साइबर ठगों ने ठगी के नए-नए तरीके खोज निकाले हैं। कभी ठग लिंक भेजकर लोगों के अकाउंट से रुपए उड़ा देते हैं तो कभी मोबाइल लोन एप के माध्यम से शिकार बनाते हैं। अब साइबर ठगों ने एक और नया तरीका निकाल लिया है। वे आरोग्य सेतु या बीएसएनएल अधिकारी बनकर अपने शिकार को फोन करते हैं और बातों में उलझाकर पूरी इंफॉरमेशन ले कर उसे चुना लगा देते हैं। इसके अलावा नौकरी का झांसा देकर भी रुपए ऐंठ लेते हैं। इसलिए यदि आपके पास किसी अनजान नंबर से कोई कॉल आए और ट्रू कॉलर पर नंबर किसी बैंक से जुड़ा हुआ दिखे तो अलर्ट रहिए, क्योंकि कई लोग गैंग का शिकार हो चुके हैं।
ऐसे बना रहे शिकार
पहले आपके पास एक कॉल आती है, उसमें कॉलर आपको बातों में लगाकर आपके बारे में पूरी जानकारी ले लेता है। उसके एक या दो दिन बाद उसका कोई साथी आपको कॉल करता है, यह दिखाते हुए कि जहां आप काम करते हैं, वह उस विभाग में उच्च अधिकारी है। वह आपसे उस विभाग के संबंध बातचीत करके अपको भरोसे में ले लेता है। इस बीच उसकी ओर से ठगी से रिलेटेड कोई बात आपसे नहीं की जाती। उसके एक या दा दिन अचानक कॉल आती है। कॉलर अपने आपको कस्टम डिपार्टमेंट से बताता है और कहता है कि आपके वह अधिकारी, जिनसे आपकी बात हो रही थी, उन्हें अरेस्ट कर लिया गया है। अब वह उन्हें जुर्माना लेकर छोडऩे के बदले कुछ रुपए की डिमांड करता है। आप विश्वास में आकर पैसे दे देते हैं तो उसके बाद कॉल करने पर वह नंबर बंद आएगा।
ये बरते सावधानियां
इनका यह कहना है
साइबर ठग काफी शातिर होते है, माहौल के अनुसार टॉपिक तय करते है। जैसा कि अभी आरोग्य सेतु और चुनाव के चलते इलेक्षन कार्ड अपडेट के लिए फोन करते है। अगर किसी को किसी पर एक प्रतिशत भी संदेह होता है तो तुरंत थाने पर संपर्क कर इसकी जानकारी दे। वहीं कई लोगों ने बैंक मे ंखाते खुला रखे है और ऑनलाइन इस्तेमाल नहीं करते है तो उन्हें बैंक ब्रांच जाकर ऑनलाइन ऑप्शन को डिसऐबल करा देना चािहिए। किसी भी कंडीशन में ओटीपी नहीं दे। साइबर ठगी की शिकायतों पर लगातार कार्रवाई की जाती है। प्रत्येक थाने में साइबर क्राइम हेल्प डेस्क हैं। ताकि साइबर ठगी का शिकार होने पर पीड़ित आसानी से अपनी रिपोर्ट दर्ज करा सकें। और जल्द कार्रवाई करते हुए उनका पैसा वापस दिलाया जा सके।
- सूरज कुमार वर्मा, एसएसपी
आरोग्य सेतु अधिकारी बनकर किया ठग ने फोन
नीमच गांधीनगर निवासी एडवोकेट विजय जोशी एडवोकेट हैं। उन्होंने बताया कि उनके पास 13 जुलाई को एक युवक मोबाइल नंबर 9528962967 से फोन आया। उसने स्वयं को आरोग्य सेतुअधिकारी बताते हुए पूछा कि आपको बूस्टर डोज लग गया है। उन्होंने बताया कि लग गया है, तो कहां लगा है। निजी अस्पताल में 350 रुपए ेदेकर लगवाया है। फिर वह कहता है कि इसका सर्टिफिकेट आ गया है। मैं आरोग्य सेतु से बोल रहा हूं। उन्होंने बोला कि नहीं तो कहने लगा कि सरकारी अस्पताल में टीका लगवाने पर हाथों हाथ सर्टिफिकेट मिलता है। प्राइवेट अस्पताल में टीका लगवाया है तो सर्टिफिकेट के लिए ओटीपी नंबर देना होगा। उसके बाद तीन माह के भीतर सर्टिफिकेट आ जाएगा। वह ओटीपी मांगने लगा। इंकार करने पर अभद्रता से बोलना शुरू कर दिया।
मोबाइल सिम ब्लॉक हो जाएगा
नीमच शहर निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता हरिप्रसाद जोशी ने बताया कि करीब 15 दिन पहले उनके मोबाइल पर 9425328382 से फोन आया और कहा गया कि कुछ समय बाद आपका सिम ब्लॉक हो जाएगा। क्योकि सिम पुराना हो चुका है। आपके मोबाइल पर एक ओटीपी नंबर आएगा उसे बताए। जिसके बाद आपकी सिम रेगुलर रहेगी, वरना बंद हो जाएगी। सिम पुरानी हो चुकी है, चूंकि अधिवक्ता समझदार थे, उन्होनें अपने पुत्र से बातचीत कराई। जिस पर उससे नाम पूछा गया तो उसने स्वंय को भोपाल बीएसएनल अधिकरी होना बताया। ओटीपी नहीं देने पर अभ्रद भाषा का प्रयोग कर धमकाने लगा।
Updated on:
18 Jul 2022 06:23 pm
Published on:
18 Jul 2022 06:22 pm
बड़ी खबरें
View Allनीमच
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
