scriptनीमच के दशहरा मैदान में अब नहीं लगेंगे ट्रेड फेयर | Trade Fair in Nimach's Dusshera field will not take place anymore | Patrika News

नीमच के दशहरा मैदान में अब नहीं लगेंगे ट्रेड फेयर

locationनीमचPublished: May 07, 2018 10:43:40 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

– स्वीमिंग पूल में अब 30 बच्चों से अधिक को प्रवेश नहीं- नपा के विशेष सम्मेलन में 141 प्रस्तावों पर फैसले

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नीमच. शहर के दशहरा मैदान में अब मनोरंजक मेले, प्रदर्शनी सहित व्यावसायिक आयोजन नहीं हो सकेंगे। पिछले दिनों मैदान को किराए पर लेने के मामले में दो पक्षों के बीच हुए विवाद के बाद नगरपालिका परिषद के विशेष सम्मेलन में इस संबंध में निर्णय लिया गया है। सोमवार दोपहर हुए परिषद के विशेष सम्मेलन में १४१ प्रस्तावों पर चर्चा हुई, विकास एवं निर्माण कार्यों के फैसले लिए गए। सम्मेलन के दौरान कई मुद्दों पर कांग्रेस और भाजपा पार्षदों के बीच जमकर वाकयुद्ध भी हुआ। कुछ प्रस्तावों पर जबरदस्त हंगामा हुआ।
सम्मेलन में जैसे ही दशहरा मैदान में किराए से दी जाने वाली व्यावसायिक अनुमतियों पर प्रतिबंध का प्रस्ताव लाया गया तो कांग्रेस पार्षद मोनू लोक्स, योगेश प्रजापति आदि खड़े हो गए। उन्होने कहा कि कई बार नियमों के विरूद्ध दशहरा मैदान को किराए पर आवंटित किया गया है। इस पर विवाद भी हो चुके हैं। हाल ही में दो पक्षों के बीच किराए पर मैदान लेने का विवाद न्यायालय में पहुंच चुका है। हालांकि इस पर अध्यक्ष राकेश जैन पप्पू ने कहा कि पहले के वर्षों में नपा को दशहरा मैदान के व्यावसायिक उपयोग से मात्र एक से डेढ़ लाख रुपए तक वार्षिक आय होती थी। वर्तमान में १२ से १४ लाख रुपए तक की आय नपा को मिल रही है। फिर भी यदि पार्षद चाहते हैं कि नपा की आय न हो तो दशहरा मैदान के व्यावसायिक प्रतिबंध लगाया जा सकता है। पार्षदों के हंगामे के बाद फैसला लिया गया कि नपा द्वारा अब दशहरा मैदान को व्यावसायिक उपयोग के लिए किराए पर नहीं दिया जाएगा। यहां केवल धार्मिक, सांस्कृतिक गतिविधियां हो सकेंगी। व्यावसायिक उपयोग के लिए अब पुराने नपा कार्यालय बंगला नंबर ६० के मैदान को दिया जाएगा। इसके साथ ही दशहरा मैदान में सभा स्थल निर्माण का प्रस्ताव भी पारित किया गया।
स्कीम नंबर ३४-३६ भूखंड घोटाले में ७ दिनों में कार्रवाई-
परिषद के सम्मेलन में कांग्रेस पार्षदों ने शुरूआत में ही स्कीम नंबर ३४, ३६ में हुए भूखंड घोटाले का मामला उठाया। पार्षदों ने कहा कि जब नगरपालिका के पास इतने तथ्य आ गए हैं, भूखंडों के आवंटन से लगाकर प्रक्रियाओं में गड़बड़ी उजागर हो चुकी है तो फिर विवादित भूखंडों के नामांतरण क्यों किए जा रहे हैं। जिन भूखंडों के बारे में पता चल गया है कि अवैध हैं तो नपा आधिपत्य क्यों नहीं लेती है। भाजपा पार्षद राजेश अजमेरा ने बीचबचाव करने का प्रयास किया। लेकिन हंगामा और तेज हो गया, तब नपा अध्यक्ष ने घोषणा की कि इस संबंध में ७ दिनों के भीतर कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। इसी बीच खेत क्रमांक ४१ का मामले पर भी विवाद हुआ। भगवानपुरा चौराहे पर संतोष पंजाबी सहित तीन के द्वारा किए गए अतिक्रमण का मुद्दा कांग्रेस पार्षद मोनू लोक्स ने फिर उठाया। उन्होने कहा कि नपा, कलेक्टर से लगाकर मुख्यमंत्री तक को इस बारे में शिकायत की गई लेकिन नपा द्वारा अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। अध्यक्ष और पीठासीन अधिकारी ने जवाब में कहा कि एक सप्ताह के भीतर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी। कांग्रेस पार्षदों ने ग्वालटोली पुलिया का मामला भी उठाया और पूछा कि आखिर इस पुलिया का निर्माण कितने दिनों में होगा। परिषद में जवाब दिया गया कि दो माह में इसका काम पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।
सिंधी विस्थापितों को जमीन देने का प्रस्ताव शासन को भेजेंगे-
परिषद में पुराने तांगा अड्डे के प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए पार्षद गोदावरी लालवानी ने कहा कि देश के विभाजन के बाद जो सिंधी भारत में आए उन्हें रहने के लिए जमीन देने का प्रावधान किया गया। तांगा अड्डा क्षेत्र में जो लोग बरसों से रह रहे हंै उन्हें मालिकाना हक दिया जाए। इस पर कांग्रेस पार्षदों ने कहा कि कुछ लोगों ने जमीन का व्यावसायिक उपयोग किया है, पुराने लोगों ने जमीनें बेच दी और अन्यत्र बस गए। जमीन वास्तविक हकदारों को ही दी जाए। चर्चा में विधायक प्रतिनिधि मनोहर मोटवानी ने कहा कि इस बारे में शासन के स्पष्ट निर्देश हैं। जमीन का हक विस्थापितों को दिया जाना चाहिए। नपा से प्रस्ताव पारित करने की मांग की। लेकिन कांग्रेस द्वारा केवल गरीब लोगों को ही पट्टे या जमीन का हक देने की मांग पर प्रस्ताव शासन को भेजने का निर्णय लिया गया।
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