बेरोजगारों की बढ़ती संख्या से सरकार की किरकिरी होती थी। अब रोजगार विभाग ने इन बेरोजगारों की संख्या कम करने के लिए एक नयाब तरीका खोज निकाला है। जनवरी से लागू किए गए इस नए फार्मेट में पंजीयन के दौरान पूछा जा रहा है कि पंजीयन करने वाले की वर्तमान स्थिति क्या है। इसमे तीन कैटेगरी है, दूसरी रोजगार कर रहे है और तीसरी खुद का कोई काम कर रहे है। इस बदलाव के बाद १ फरवरी से अब तक जितने भी लोगों ने पंजीयन करया है, उनकी कैटेगरी बन रही है। मामले में इस काम को देखने वाली कंपनी से बात की तो उन्होंने बताया कि हमारा मकसद संख्या कम करना नहीं है, बल्कि बेरोजगार की सही स्थिति जानना है। ताकि उनकी उनके मन मुताबिक काम दिलवा सकें। लेकिन जब पत्रिका ने व्यापारियों से बातचीत की तो सामने आया कि मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना में रोजगार से जोडऩे के प्रयास के चलते ऋण देकर संबल बनाने की योजना में नीमच के बेरोजगार युवाओं की कम रूचि है, जिसका कारण योजना में सब्सिडी कम होना और आयु सीमा १८-४१ निर्धारित करना माना जा रहा है। वहीं दूसरी और योग्यता १२ वी पास भी रखी गई है।
इसलिए बदली गई व्यवस्था
सितंबर २२१ में आई सीएमआई की रिपोर्ट में बताया मध्यप्रदेश में बेरोजगारों की दर ३.५ फीसदी है, जबकि राष्ट्रीय बेरोजगारी की दर ३.५ फीसदी है। जबकि राष्ट्रीय बेरोजगारी की दर ७.६ फीसदी है। वहीं रोजगार पोर्टल पर दिखाई देने वाली संख्या को यह माना जाता है कि मप्र में बेरोजगारी बहुत है। जबकि वित्तीय वर्ष २०२०-२१ में इनकी संख्या १.९० लाख रही थी।
मैन्युफैक्चरिंग: १ लाख से ५० लाख रुपए तक।
सर्विस: १ लाख से २५ लाख रुपए तक।
खुदरा व्यापार पानी ट्रेडिंग: १ लाख से २५ लाख रुपए तक ऑनलाइन आवेदन ही किए जा सकेंगे
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पोर्टल एमपी ऑनलाइन. जीओवी. इन पर जाकर आवेदन किए जा सकते है। ऑनलाइन आवेदन ही मान्य कि जाएंगे।
- मध्यप्रदेश के मूलनिवासी हो।
- कम से कम १२ वीं पास हो।
- आयु १८ वर्ष से ४० वर्ष तक।
- परिवार की आय सालाना १२ लाख रुपए से ज्यादा नहीं हो।
- किसी बैंक या वित्तीय संस्था से डिफाल्टर नहीं हो।
इनका यह कहना है
जो योजना में बदलाव अभी किया जा रहा है, उसका मकसद बेरोजगार की संख्या को कम दिखाना नहीं, बल्कि यह जानना है कि उनकी वर्तमान स्थिति क्या है। साथ ही हम जान रहे है कि वे किस तरह के रोजगार चाहते है। नीमच में मुख्यमंत्री उद्यम योजना के तहत बेरोजगार युवाओं में कम रूचि देखने को मिली है। अभी मुश्किल से ३० के आवेदन पर करीब ७ बेरोजगारों का बैंक से ऋण दिलाने की प्रक्रिया चल रही है। जिसका बड़ा कारण योजना में सब्सिडी मात्र ३ प्रतिशत होना और आयु सीमा १५-४१ वर्ष व १२ वीं पास अनिवार्य होना है। दसवी के काफी लोग सामने आ रहे है। अभी योजना का कॉलेज, आईटीआई, इंजीनियरिंग कॉलेज प्रचार प्रसार कर युवा बेरोजगारों को जोडऩे का प्रयास किया जा रहा है।
- अमर सिंह मोरे, महाप्रबंधक उद्योग विभाग नीमच।