जिले का भू-जलस्तर गर्मी की शुरूआत के साथ ही दिनों दिन गिरने लगा, जहां जनवरी में जिले का भू-जलस्तर करीब 31 मीटर गिरा था, वहीं मई में करीब 36 मीटर भू-जलस्तर में गिरावट आई है। इस मान से करीब चार माह में 4 मीटर भू-जलस्तर में गिरावट आई है। इस प्रकार हर माह करीब 1 मीटर भू-जलस्तर में गिरावट आई है।
468 हैंडपंप जलस्तर में आई गिरावट से हुए बंद
जिले में कुल 5 हजार 85 हंैडपंप हैं। जिसमें से करीब 499 हैंडपंप मई माह में बंद हो चुके हैं। जिसमें से करीब 468 हैंडपंप जलस्तर में आई गिरावट के कारण बंद हुए हैं। वहीं करीब 31 हैंडपंप में सुधार की कोई गुंजाईश भी नहीं बची है। चूकि जिन हंैडपंपों में सुधार किया जाना था, उनमें सुधार हो चुका है, इस कारण अब केवल वही हैंडपंप बंद हैं जो केवल जल स्तर में सुधार आने पर ही शुरू होंगे। इस कारण अब लोगों को भी बारिश का इंतजार है।
गर्मी में पेयजल मुहैया कराने यह किए काम, इन गांवों में आ रही थी दिक्कत
गर्मी में पानी की किल्लत को दूर करने के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा जिले में कई हैंडपंपों में पाईप बढ़ाए गए तो वहीं दूसरी ओर करीब 90 हैंडपंपों में सिंगल फेस की मोटरें डालकर पानी चालु किया गया। इसी प्रकार जिले में करीब 25 बसाहटों में नलकूप खनन किया गया, वहीं 13 गांवों में नल जल योजनाएं चालु की गई है। इसी प्रकार करीब 6 निजी ट्यूबवेलों को अधिग्रहण कर पेयजल मुहैया कराया गया। वहीं पेयजल परिवहन की स्थिति न बने इस कारण भड़क सनावदा गांव में एक निजी कुए को अधिग्रहण कर करीब 300 फीट पाईप लाइन के माध्यम से पानी मुहैया कराया गया, इसी प्रकार गांव भरभडिय़ा में भी नलकूप खनन कर 700 फीट की लाईन डालकर पेयजल मुहैया कराया गया है। समीपस्थ गांव डूंगलावदा में जहां पानी की काफी समस्या थी वहां नलकूप खनन किया गया, इसी गांव में सर्वे चल रहा है शीघ्र ही इस गांव में नल जल योजना शुरू कर स्थाई हल निकाला जाएगा।
पिछले साल की अपेक्षा 5 मीटर कम गिरा भू-जलस्तर
पिछले साल मई माह में जिले का औसत भू-जलस्तर करीब 41.58 मीटर गिर चुका था। जिसमें नीमच में ही 41.87, जावद में 43.76 व मनासा में 39.13 मीटर भू-जलस्तर गिरा था। जबकि इस साल जिले का भू-जलस्तर मई माह में मात्र 36.53 मीटर गिरा है। जो पिछले साल की अपेक्षा करीब 5 मीटर कम है। जिसका मुख्य कारण वर्ष 2018 में बारिश 1058.3 मिमी हुई है। जबकि इससे पहले 2017 में 797.7 मिमी हुई थी। इस कारण वर्ष 2018 में अच्छी बारिश का लाभ इस साल मिला है।
जिले में पेयजल सुविधा मुहैया कराने के लिए करीब 90 हैंडपंप में सिंगल फेस की मोटरें लगाई गई। वहीं निजी ट्यूबवेल और कुए भी अधिग्रहित कर पानी की व्यवस्था की है। अब कुछ दिन में बारिश होने पर फिर से जल स्तर में उठाव आ जाएगा।
-एनके सोनार, उपयंत्री