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नीमच

जमीन से 19 मीटर नीचे पहुंच गया पानी, ये ही हालात रहे तो सूखे रह जाएंगे कंठ

गर्मी का कहर बढऩे के साथ साथ जमीन के अंदर जल का स्तर पर गिरने लगा है, पिछले एक दो माह में ही भू-जलस्तर में करीब 8 मीटर तक की गिरावट आंकी गई है, वर्तमान में अधिकतर जिलों में पानी की त्राही-त्राही मची है.

नीमचApr 24, 2022 / 08:04 pm

Subodh Tripathi

जमीन से 19 मीटर नीचे पहुंच गया पानी, ये ही हालात रहे तो सूखे रह जाएंगे कंठ

जमीन से 19 मीटर नीचे पहुंच गया पानी, ये ही हालात रहे तो सूखे रह जाएंगे कंठ

नीमच. प्रदेश में भू-जलस्तर में लगातार गिरावट आती जा रही है, गर्मी का कहर बढऩे के साथ साथ जमीन के अंदर जल का स्तर पर गिरने लगा है, पिछले एक दो माह में ही भू-जलस्तर में करीब 8 मीटर तक की गिरावट आंकी गई है, वर्तमान में अधिकतर जिलों में पानी की त्राही-त्राही मची है, अगर ऐसे ही जल स्तर में गिरावट आई तो निश्चित ही लोगों को कंठ गिला करने के लिए पैसों से पानी खरीदना पड़ेगा।

जिले में गत दिनों से लगातार पड़ रही भीषण गर्मी के कारण भूजलस्तर गिरने लगा है। एक माह के भीतर यह 4 मीटर तक गिरकर 19 मीटर पर पहुंच गया है। दो से तीन दिनों से मौसम में बदलाव के कारण बादल छाने व हल्की हवा चलने के बावजूद रविवार को तापमान 38 डिग्री से ज्यादा रहा है। सूरज की रोज तपन के करण जलसंकट की आहट भी सुनाई देने लगी है, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों के 90 से ज्यादा हैंडपंप सूखने के साथ कुओं का जलस्तर भी गिरने लगा है।

आपको बता दें पिछले साल के मुकाबले इस बार औसत से ज्यादा बारिश होने के साथ जनवरी व फरवरी तक जिले के कई क्षेत्रों में बारिश व ओलावृष्टि हुई है। अच्छी बारिश होने के कारण पिछले साल के मुकाबले इस साल जनवरी में जिले का भूजल स्तर भी काफी अच्छा होकर 12.95 मीटर था, जो कि 8.14 मीटर ज्यादा था, लेकिन फरवरी के बाद इसमें तेजी से गिरावट दर्ज की गई है। जो कि लगातार देखने को मिल रही है। सबसे ज्यादा गिरावट मार्च में रही। जिले में भूजल स्तर का आंकड़ा 4 मीटर नीचे गिरकर 18.78 मीटर तक पहुंच गया है, जबकि पिछले महीने फरवरी में यह आंकड़ा 14.85 मीटर था।

विभागीय जानकारी के अनुसार सूरज की तपन के कारण पारा निरंतर बढ़ रहा है। इससे पानी वाष्प बनकर तो उड़ता है, जमीन भी जल सोखती है। दूसरी तरफ जिले में सब्जी के साथ किसान अन्य फसल भी ले रहे हैं। इस कारण पानी की जरूरत होने से किसानों ने कुओं व ट्यूबवेल से पानी लेकर फसलें सींची हैं। अप्रेल में तेज गर्मी के कारण तापमान कम होने का नाम नहीं ले रहा है। दो से तीन दिन में नीमच के मौसम में आए परिवर्तन के कारण तापमान में कुछ गिरावट आई है।

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पिछले साल के मुकाबले बेहतर है

जिले में इस बार में बारिश अच्छी होने के कारण भूजल स्तर पिछले साल के मुकाबले बेहतर है। मार्च में तेज गर्मी बढऩे से एकाएक अधिक भूजल स्तर गिरावट दर्ज हुई है। अभी स्थिति अच्छी है। कुछ हैंडपंप जरूर सूखे हैं। प्रशासन की भूजलस्तर पर लगातार नजर है।
-एम. पाटीदार, कार्यपालन यंत्री पीएचई नीमच

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