चिकित्सक विशेषज्ञों की माने तो मास्क के उपयो से लोग खुले में न तो छींक रहे और न थूक रहें है। इससे इन बीमारियों पर अंकुश लगा हैै। बारिश के दिनों में सर्दी खांसी के मरीजों की संख्या काफी बढ़ती है। बारिश बंद होने के साथ मौसम परिवर्तन के साथ मौममी बीमारी बढ़ती है। पिछले सालों की बात करें तो जिला अस्पताल सर्दी, खांसी के मरीजों से पटा रहता था, लेकिन कोरोना संक्रमण के बीच इस मर्ज से पीडि़त मरीजों की संख्या काफी कम हुई है। सर्दी जुकाम से पीडि़त मरीज फीवर क्लीनिक में पहुंंच रहे हैं। जहां इनकी संख्या प्रतिदिन औसतन 50 से 60 बताई जा रही है। जबकि पिछेल सालों में यह संख्या 200 से 300 हुआ करती थी।
टीबी के मरीज भी हुए कम
वहीं दूसरी और अस्पताल में टीबी के मरीजों की संख्या में भी कमी आई है° मास्क लगाने के कारण टीबी का संक्रमण भी नहीं फैल रहा है। खांसने और छींकने से टीबी फैलती है। कोरानाकाल ें लोगों द्वारा मास्क लगाए जाने से यह रोगियों के संक्रमण की चपेट में नहीं आ रहे हैं। जिला अस्पताल में टीबी की जांच में कमी आई है।
– घरों से बाहर निकलने के दौरान मुंह ढ़ाके रहते है।
– लोगों से दूरी बनाकर रहते है। इस दौरान भी मास्क पहने रहते है।
– सड़कों पर यहां-वहां थूकना कम हुआ है।
– घर में एक सछस्य को वायरल फीवर होने पर परिवार के अन्य लोग मास्क लगाए रहते है।
– अस्पतालों में भी मास्क पहनकर जाने से संक्रमित होने की संभाावना कम हुई है।
मास्क पहनने से अंकुश लगा अन्य बीमारियों पर
कोरोना बचाव में मास्क पहनने से निश्चित तौर अन्य संक्रमित बीमारियों में कमी आई है। खासतौर पर एलर्जी वायरल फीवर, टीबी, सर्दी और जुकाम के मरीज कम हुए है। भीड़भाड़ वाले इलाकों में लोग जाने से बच रहें हैं। इससे भी काफी फर्क पड़ रहा हैै। वहीं कोरोना से भी बचने के लिए आमजन को एतिहायत रखना काफी जरूरी है। सावधानी की बचाव है।
– बीएल रावत, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल नीमच।