यह बात स्वामी विवेकानंद शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राध्यापक डा. संजय जोशी ने कही। वे राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के सात दिवसीय नेतृत्व प्रशिक्षण शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में मनपसंद करियर प्राप्त करने के महत्वपूर्ण सूत्र विषय पर शिविरार्थियों को मार्गदर्शन दे रहे थे। डा. जोशी ने कहा कि सुनहरे करियर के निर्माण में व्यक्ति की प्रतिभा का आंकलन विपरीत एवं मुश्किल परिस्थितियों में उसकी क्षमता और कार्य को करने के आधार पर होती है। कठिन कार्य है इसलिए करने योग्य है क्योंकि साधारण कार्य तो हर कोई कर लेत है। इस टेम्परामेंट के आधार पर आपका साक्षात्कार में चयन किया जाता है। डा. जोशी ने शिविर में शिविरार्थियों को व्यक्तित्व विकास एवं करियर के संबंध में मार्गदर्शन प्रदान किया। उन्होंने शिविरार्थियों को समय प्रबंधन का महत्व समझाते हुए जीवन में समय के सदुपयोग का संदेश दिया। शिविर में श्रमदान गतिविधियों के तहत ग्राम कानाखेड़ा के बालाजी मंदिर परिसर में क्यारियां बनाकर पौधों को पानी पिलाया गया। स्वयं सेविका सिद्धि धाकड़ व पायल चौहान ने कुमकुम तिलक व बैच लगाकर अतिथियों का स्वागत किया। संचालन स्वयंसेवक अर्जुन नागदा ने किया। बौद्धिक सत्र की अध्यक्षता स्वयंसेवक शौकीन नायक ने की। पीजी कॉलेज नीमच के रासेयों कार्यक्रम अधिकारी प्रोफेसर राजेंद्र सिंह सोलंकी ने स्वागत भाषण और आभार प्रदर्शन किया। शिविर में विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो. भुनेश अंबवानी, प्रो. आस्था सैनी भी उपस्थित थे। शिविर में पीजी कॉलेज नीमच के रासेयो परामर्शदाता डा. जेसी आर्य, प्रो. वंदना राठौर, पूर्व स्वयंसेवक अनिल नागदा, जितेश धाकड़, मुकेश मेघवाल, संजय पाराशर, शिविर नायक ललित आर्य, शिविर नायिका साक्षी नगर एवं स्वयंसेवक उपस्थित थे।