नीमच. दलितों को अपमानित करने का प्रदेश सरकार ने नया तरीका इजाद किया है। इससे पहले आज तक कभी भी पुलिस भर्ती प्रक्रिया में इस तरह दलितों के सीने पर एससी/एसटी नहीं लिखा गया था।
यह कहना था जिला कांग्रेस कमेटी के अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष महेश वीरवाल का। उन्होंने बताया कि दलितों को प्रताडि़त करने के लिए प्रदेश की शिवराज सरकार नए नए तरीके इस्तेमाल कर रही है। पिछले दिनों अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के लोगों को प्रताडि़त करने की घटनाओं में इजाफा हुआ है। लगातार बढ़ रही इस प्रकार की घटनाओं के कारण आरक्षित वर्ग में आक्रोश के साथ सुरक्षा को लेकर भी शंका पैदा होने लगी है। इसी कड़ी में पिछले दिनों प्रदेश के भिंड एवं धार जिले में पुलिस भर्ती रैली में तैनात पुलिस अधिकारियों ने एससी/एसटी वर्ग के अभियार्थियों का मनोबल गिराने का काम किया। इसके तहत अधिकारियों ने अभियार्थियों के सीने पर एससी/एसटी लिख दिया था। इस कृत्य से मौके पर उपस्थित अन्य वर्ग के अभियार्थियों में चयन के मामले में द्वेषता की भावना को बढ़ावा मिला। भर्ती रैली में इस तरह का तरीका पहली बार अधिकारियों द्वारा अपनाया गया है। इस कृत्य से प्रदेश में वर्ग संघर्ष उत्पन्न कर चुनावी लाभ लेने की मंशा प्रमाणित होती है। महेश वीरवाल ने बताया कि सोमवार को कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन के माध्यम से हमने भर्ती रैली में जातिगत आधार पर भेदभाव करने वाले दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही राज्यपाल से मांग की है कि वे प्रदेश की भाजपा सरकार को बर्खास्त करें। ज्ञापन से पहले कांग्रेस पदाधिकारी और कार्यकर्ता सुबह ११.३० बजे जिला कांग्रेस कार्यालय से वाहन रैली के रूप में कलेक्टोरेट पहुंचे। राजपाल के नाम ज्ञापन नायब तहसीलदार जाबिर हुसैन को सौंपा। ज्ञापन का वाचन महेश वीरवाल ने किया। इस अवसर पर पूर्व नपाध्यक्ष अरविंद चौपड़ा, जिला कांग्रेस प्रवक्ता ब्रजेश मित्तल, जिला महिला कांग्रेस अध्यक्ष आशा सांभर, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष ओम दीवान, कार्यालय प्रभारी
धर्मेंद्र परिहार आदि उपस्थित थे।