केमिकल से कुआ का पानी हुआ दूषित
ग्रामीणों ने कलेक्टर के नाम ज्ञापनप नायब तहसीलदार पिंकी साठे को सौंपा। ज्ञापन में बताया कि ग्राम भरभडिय़ा फोर लाइन बायपास पर स्थित नाकोड़ा लुब्रिकेशन आइल फैक्ट्री है। फैक्ट्री में बायोडीजल का उत्पादन किया जाता है। यह फैक्ट्री भीलवाड़ा निवासी मोहित पिता सुनील बंसल एवं सुनील पिता जगदीश प्रसाद बंसल द्वारा संचालित की जा रही है। फैक्ट्री से लगातार डीजल का रिसाव होता है जो समीप लगे कुआं में रिस रहा है। इस कारण कुओं का पानी दूषित हो गया है। कुए का पानी फसलों को गंभीर क्षति पहुंचा रहा है। इसके अतिरिक्त फैक्ट्री से होने वाले रिसाव एवं अन्य केमिकल के वातावरण में फैलने से भयंकर दुर्गंध क्षेत्र में रहती है। पूर्व में ग्रामीणों की शिकायत पर जिला प्रशासन द्वारा कार्रवाई की गई थी। उस दौरान फैक्ट्री बंद भी रही। तब फैक्ट्री संचालकों द्वारा सबूत नष्ट करने के उद्देश्य से जमीन में विस्फोट कर बायोडीजल जमीन में छोड़ा गया था। इस कारण रसायन आसपास के कुओं में मिश्रित हो गया है। कुओं का पानी अब पीने योग्य नहीं रहा। न ही सिंचाई के योग्य बचा है। ग्रामीणों ने ज्ञापन में मांग की है कि उक्त फैक्ट्री को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि समय रहते उचित कार्रवाई नहीं की जाती है तो ग्रामवासी आंदोलन को विवश होंगे। इसकी संपूर्ण जवाबदारी फैक्ट्री संचालक और प्रशासन की रहेगी।
ग्रामीणों ने कलेक्टर के नाम ज्ञापनप नायब तहसीलदार पिंकी साठे को सौंपा। ज्ञापन में बताया कि ग्राम भरभडिय़ा फोर लाइन बायपास पर स्थित नाकोड़ा लुब्रिकेशन आइल फैक्ट्री है। फैक्ट्री में बायोडीजल का उत्पादन किया जाता है। यह फैक्ट्री भीलवाड़ा निवासी मोहित पिता सुनील बंसल एवं सुनील पिता जगदीश प्रसाद बंसल द्वारा संचालित की जा रही है। फैक्ट्री से लगातार डीजल का रिसाव होता है जो समीप लगे कुआं में रिस रहा है। इस कारण कुओं का पानी दूषित हो गया है। कुए का पानी फसलों को गंभीर क्षति पहुंचा रहा है। इसके अतिरिक्त फैक्ट्री से होने वाले रिसाव एवं अन्य केमिकल के वातावरण में फैलने से भयंकर दुर्गंध क्षेत्र में रहती है। पूर्व में ग्रामीणों की शिकायत पर जिला प्रशासन द्वारा कार्रवाई की गई थी। उस दौरान फैक्ट्री बंद भी रही। तब फैक्ट्री संचालकों द्वारा सबूत नष्ट करने के उद्देश्य से जमीन में विस्फोट कर बायोडीजल जमीन में छोड़ा गया था। इस कारण रसायन आसपास के कुओं में मिश्रित हो गया है। कुओं का पानी अब पीने योग्य नहीं रहा। न ही सिंचाई के योग्य बचा है। ग्रामीणों ने ज्ञापन में मांग की है कि उक्त फैक्ट्री को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि समय रहते उचित कार्रवाई नहीं की जाती है तो ग्रामवासी आंदोलन को विवश होंगे। इसकी संपूर्ण जवाबदारी फैक्ट्री संचालक और प्रशासन की रहेगी।