scriptस्कूलों की कमाई का जरिया बना व्हाट्सएप ग्रुप | WhatsApp group becomes a way for schools to earn | Patrika News

स्कूलों की कमाई का जरिया बना व्हाट्सएप ग्रुप

locationनीमचPublished: Sep 05, 2020 11:24:05 am

Submitted by:

Virendra Rathod

– ऑनलाईन शिक्षा पद्धति के नाम पर पलकों से वसूली जा रही अवैध राशि

Announcement to teach government school children through loud speakers, protest begins ...

सरकारी स्कूल के बच्चों को लाउड स्पीकर के माध्यम से पढ़ाने का ऐलान, विरोध हुआ शुरू …

नीमच/मनासा। कोरोना महामारी क्या आई स्कूल संचालको को अभिभावकों से अवैध राशि वसूल करने का माध्यम मिल गया। स्कूल संचालक अभिभावकों से उनके बच्चों द्वारा व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से हो रही पढ़ाई के नाम पर अवैध वसूली करने लगेए जबकि जब व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से हो रही पढ़ाई से बच्चे पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं। बता दें कि वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए सरकार ने स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया। साथ ही बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं हो स्कूल संचालकों को ऑनलाइन पढ़ाई करवाने के निर्देश दिए। लेकिन बहुत से स्कूल संचालकों ने ऑनलाइन पढ़ाई को अलग ही नजर से देखते हुए इसे कमाई का साधन बना लिया। जिसके चलते लॉकडाउन में अभिभावकों पर अपने बच्चे की फीस जमा कराने का अतिरिक्त आर्थिक संकट आ गया।

वही हाईकोर्ट ने अपना फैसला देते हुए कहा है कि स्कूल संचालक अभिभावकों से एक नियत ट्यूशन फीस लेए जबकि इसके विपरीत सभी स्कूलों द्वारा अभिभावकों से मनमानी ट्यूशन फ ीस ली जा रही हैं। अभी तक स्कूल संचालकों ने नियत फीस को लेकर कोई एजेंडा तैयार नहीं किया। जिसके चलते हैं अभिभावकों को स्कूल संचालकों द्वारा तय की गई मनमानी फीस देना पड़ रही हैं। शहर के फ्लोरेंस स्कूल संचालक ने बताया कि हमारे द्वारा बच्चों को जूम एपए व्हाट्सएपए गूगल आदि के द्वारा पढ़ाया जा रहा हैं। जिसमें समय-समय पर विषय अनुसार शिक्षक बच्चों को पढ़ाई करवाते हैं। इसी तरह ग्रीन फ ील्ड पब्लिक स्कूल संचालक ने बताया कि शिक्षको द्वारा बच्चों को व्हाट्सएप वीडियो जूम एप आदि के द्वारा पढ़ाया जा रहा है साथ हि शहर के लिटिल फ्लावरए इनोसेंट आदि स्कूलों द्वारा भी बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही हैए लेकिन सभी स्कूलों द्वारा एलकेजी से लेकर 12वीं तक पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष मात्र दो से तीन हजार रूपए कम कर ट्यूशन फीस ली जा रही हैं। स्कूल संचालकों का कहना है कि हमारे द्वारा अभिभावकों से स्कूल मेंटेनेंस सहित अन्य खर्चे नहीं लिए जा रहे हैं। मात्र ट्यूशन फ ीस ली जा रही हैं। लेकिन ट्युशन फीस को लेकर सभी के अलग अलग तर्क है जो फीस पिछले वर्ष ली गयी थी लगभग उतनी ही फीस इस वर्ष भी ली जा रही हैं। कोई भी स्कूल संचालक स्पष्ट रूप से ट्युशन फ ीस बताने को तैयार नहीं हैं।

ओनली एडमीन रहता है वाट्सप ग़ुप
एक वाट्सप ग्रुप में करीब 120 स्टूडेंट एवं दो से चार शिक्षक जुडे हैं। ग्रुप हमेशा ओनली एडमिन मोड़ पर रहता हैं। अब ऐसे में किसी छात्र को समस्या होने या जानकारी लेना होती है तो वो नहीं ले पाते। साथ ही अभिभावको का कहना है की बच्चों के साथ हमें पुरा समय देना पड़ता हैं। साथ ही वाह्टसप चलाने के लिए नेट पैक एवं मोबाईल चार्जिंग का सारा खर्च हमें ही उठाना पड रहा हैं तो ऐसे में स्कूल संचालक मनमाफि क फ ीस कैसे वसूल सकते हैं।

अभिभावको की नगाहे शहर के बड़े स्कूलों पर टिकी
नगर के अभिभावकों को वर्तमान में शहर के कार्मल कॉन्वेंट, इनोसेंट, फ्लोरेंस, ग्रीन फिल्डए लिटिल फ्लावर के साथ ही क्षेत्र के सबसे बड़े विद्यालयों से जनता उम्मीद लगाए हुए है कि ये स्कूल कोरोना काल में अभिभावको की समस्याओं को समझेंगे और फ ीस में छूट देंगे। लेकीन इन सभी के द्वारा अभी तक कोई घोषणा नहीं की गई।

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