जिले में इस बार कुल 31 हजार किसानों ने समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए पंजीयन कराया था। लेकिन 24 मई शाम तक केवल 9 हजार 784 किसानों ने ही गेहूं बेचा। इन किसानों से 4 लाख 71 हजार 854 क्ंिवटल गेहूं समर्थन मूल्य पर खरीदा गया। आंकड़ों पर नजर डाले तो साफ पता चल रहा है कि 31.56 किसानों ने ही समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचा है। जबकि गेहूं की खरीदी का समय भी करीब दो माह रहा है।
मंडी में अच्छा दाम मिलने से बदला किसान का रूझान
इस बार भले ही किसानों को समर्थन मूल्य 1840 रुपए क्ंिवटल के साथ ही 160 रुपए बोनस के रूप में दिए, लेकिन फिर भी किसानों का रूझान समर्थन मूल्य की अपेक्षा मंडी में गेहूं बेचने में अधिक नजर आया, क्योंकि मंडी में गेहूं के दाम तेज रहे। चूकि किसानों को लाख जतन करने के बाद भी समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने पर 2000 रुपए से अधिक दाम नहीं मिल पाते, लेकिन मंडी में किसानों को इस बार 2200 से 2300 रुपए क्ंिवटल तक गेहूं के मिले हैं। इस कारण समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी का ग्राफ नीमच जिले में काफी कम रहा है।
बंद हो गई समर्थन मूल्य की खरीदी अब कल से मंडी में बिकेगा गेहूं
वैसे तो समर्थन मूल्य की खरीदी 25 मई तक की जानी थी, लेकिन जिले में २४ मई से ही गेहूं की खरीदी थम गई, हालांकि जिले के कुछ सेंटरों पर 25 मई को भी कर्मचारी बैठे थे। लेकिन किसान गेहूं लेकर नहीं पहुंचे। चूकि अब समर्थन मूल्य की खरीदी थम चुकी है तो निश्चित ही सोमवार को मंडी में गेहूं की बंपर आवक होगी। वहीं हो सकता है कि तीन दिन के अवकाश के बाद खुलने वाली मंडी में गेहूं की बंपर आवक भी रहे।
समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी 24 मई तक हुई। समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी की तिथि में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। पंजीयन की अपेक्षा समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने वाले किसानों की संख्या में कमी आने का कारण मंडी में अच्छा दाम होना रहा।
-रोहित श्रीवास्तव, प्रबंधक, जिला विपणन