जनजागरूकता रैली निकाली विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर सोमवार सुबह करीब 10 बजे जिला चिकित्सालय परिसर से जनजागरूकता रैली निकाली गई। रैली को सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डा. बीएल बोरीवाल, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. जेपी जोशी, आरएमओ मनीष यादव ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैल में कैंसर के कारण, निदान एवं उपचार के संबंध में संदेश के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया। साथ ही लोगों को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित किया। रैली में शामिल विभिन्न निजी नर्सिंग कॉलेजों के विद्यार्थी हाथ में तख्तियां लेकर चल रहे थे। तख्तियों पर कैंसर किस प्रकार धीमे जहर की तरह लोगों का जीवन समाप्त कर रहा है इस बारे में संदेश दिया। रैली में शामिल बच्चों ने लोगों को कैंसर से बचाव, लक्षण, उपचार आदि से संबंधित पेम्पलेट्स भी वितरित किए। लोगों को रैली के माध्यम से यह जानकारी भी दी गई कि जिला चिकित्सालय में कैंसर की कैमोथेरेपी की सुविधा भी उपलब्ध है। कैंसर प्रभावित कोई भी व्यक्ति परामर्श और उपचार के लिए जिला चिकित्सालय में बाह्य रोगी विभाग में डा. विजय भारती से सम्पर्क कर सकता है। रैली जिला चिकित्सालय से प्रारंभ होकर फू्रट मार्केट, फव्वारा चौक, पुलिस अधीक्षक कार्यालय होते हुए पुन: जिला चिकित्सालय पहुंचकर समाप्त हुई। रैली का संचालन जिला आईईसी प्रभारी रामलाल सिसोदिया, एनसीडी स्टाफ नर्स मनीष व्यास ने किया। इस अवसर पर वरिष्ठ चिकित्सक डा. शक्तिबाला शर्मा, डा. संगीता भारती, डा. महेंद्र पाटील, विशाल आर्य आदि भी उपस्थित थे।
कैंसर के मुख्य लक्षण
– ऐसा कोई घाव या फोड़ा, जो भरता नहीं।
– असामान्य रक्त स्त्राव या मवाद बहना।
– तिल या मस्से के आकार, प्रकार में कोई परिवर्तन।
– छाती में या अन्यत्र कोई गांठ या गिल्टी।
– निरंतर गले का बैठना, आवाज में बदलाव या खांसी।
– निगलने में कठिनाई या कोई अपच।
– मल निष्कासन की आदत में परिवर्तन।
– स्त्रियों में माहवारी के अलावा, रक्तस्त्राव या रजोनिवृत्ति के बाद रक्तस्त्राव होना।
– मुंह में छाले निरंतर बने रहना और समान्य इलाज से ठीक न होना।
– यह सब कैंसर के शुरूआती लक्षण हो सकते हैं, प्रारंभिक अवस्था में कैंसर का पूर्ण ईलाज संभव है।
– ऐसा कोई घाव या फोड़ा, जो भरता नहीं।
– असामान्य रक्त स्त्राव या मवाद बहना।
– तिल या मस्से के आकार, प्रकार में कोई परिवर्तन।
– छाती में या अन्यत्र कोई गांठ या गिल्टी।
– निरंतर गले का बैठना, आवाज में बदलाव या खांसी।
– निगलने में कठिनाई या कोई अपच।
– मल निष्कासन की आदत में परिवर्तन।
– स्त्रियों में माहवारी के अलावा, रक्तस्त्राव या रजोनिवृत्ति के बाद रक्तस्त्राव होना।
– मुंह में छाले निरंतर बने रहना और समान्य इलाज से ठीक न होना।
– यह सब कैंसर के शुरूआती लक्षण हो सकते हैं, प्रारंभिक अवस्था में कैंसर का पूर्ण ईलाज संभव है।
कैंसर से ऐसे करें बचाव
-गर्भवती महिलाओं को एक्स-रे से बचाना।
-शरीर को अत्यधिक सूर्य की किरणों के प्रभाव से बचाएं।
-शराब, बीड़ी, सिगरेट, तम्बाकू, प्रिजरवेटिव खाना, पान मसाला, गुटका आदि का सेवन नहीं करें।
-हरी सब्जी, पीले फल, दालें, अंकुरित बीज, रेशे वाले भोजन का सेवन करें।
-कीटनाशक एवं खाद्य सरंक्षक रसायानों से युक्त भोजन सामग्री को धोकर खाएं।
-अपना वजन सामान्य रखें।
-नियमित व्यायाम करें।
-गर्भवती महिलाओं को एक्स-रे से बचाना।
-शरीर को अत्यधिक सूर्य की किरणों के प्रभाव से बचाएं।
-शराब, बीड़ी, सिगरेट, तम्बाकू, प्रिजरवेटिव खाना, पान मसाला, गुटका आदि का सेवन नहीं करें।
-हरी सब्जी, पीले फल, दालें, अंकुरित बीज, रेशे वाले भोजन का सेवन करें।
-कीटनाशक एवं खाद्य सरंक्षक रसायानों से युक्त भोजन सामग्री को धोकर खाएं।
-अपना वजन सामान्य रखें।
-नियमित व्यायाम करें।