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नीमच

यहां पढ़ें कैसे पीले सोने को खा जाते हैं ये कीट

फूल और फली को नुकसान पहुंचाने लगी इल्ली और सफेद लट -50 से 55 दिन की हुई सोयाबीन की फसल-समय से ध्यान नहीं दिया तो हो सकता है उत्पादन प्रभावित

नीमचAug 20, 2018 / 01:08 pm

harinath dwivedi

mp farmers shun soya bean farming, here are the reasons why

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नीमच. मालवा का पीला सोना कहा जाने वाली सोयाबीन की फसल 50 से 55 दिन की हो चुकी है। ऐसे में कहीं फूल आने लगे हैं तो कहीं फली की अवस्था प्रारंभ हो चुकी है। चूकि फसल के लिए यह अवस्था काफी महत्वपूर्ण होती है। इस अवस्था में फसल का जितना विकास होता है उतना ही अच्छा उत्पादन होता है। वहीं इस अवस्था में जितनी कीट व्याधि से फसल को नुकसान होता है उतना ही उत्पादन भी प्रभावित होता है। इस समय इल्ली और सफेद लट का प्रकोप सोयाबीन पर छाने लगा है। जिसका समय से ध्यान देना जरूरी है।
हेल्योसिस काट रही फली को दाने वाली जगह से
वर्तमान में सोयाबीन की फसल पर चने वाली इल्ली(हेल्योसिस) बहुत अधिक मात्रा में नजर आ रही है। यह फसल की पत्ती, फूल और फली को काफी नुकसान पहुंचाती है। यह सोयाबीन की फली को दाने वाले स्थान से काटती है जिससे सीधा नुकसान होता है। इसी प्रकार सेमीलुपर नामक इल्ली भी पत्तियों और फली को काटने का काम करती है।
वायरस फैला देती है सफेद मक्खी
सोयाबीन की फसल में सफेद मक्खी पौधों का रस चुसकर पौधों को कमजोर कर देती है। जिससे फल की मात्रा प्रभावित होती है। वहीं सफेद मक्खी अधिक प्रकोप दिखाते हुए वायरस फैला देती है। जिससे पौधा पीला नजर आने लगता है।
ेजड़ों को काटती है सफेद लट
सफेद लट पौधों की जड़ों को काटते हुए नुकसान पहुंचाती है। जिससे कई बार खेत के खेत भी साफ हो जाते हैं। क्योंकि जड़ें कट जाने के कारण पौधा नीचे गिर जाता है जो फिर खड़ा होना संभव नहीं है।
कृषि वैज्ञानिक डॉ श्यामसिंह सारंग देवोत ने बताया कि उक्त इल्लियों का प्रकोप सोयाबीन की फसल पर नजर आने लगा है। चूकि ये सभी फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। इस कारण किसान को समय से ध्यान देकर फसल की सुरक्षा करनी चाहिए। इसलिए ट्राईजोफास ४० प्रतिशत ईसी 800 मिली अथवा क्लोरएंट्रानिल प्रोल 18.5 प्रति एससी की 100 एमएल मात्रा प्रति हेक्टेयर अथवा क्युनालफास 25 प्रतिशत ईसी की डेढ़ लीटर अथवा इंडोक्साकार्ब14.5 प्रतिशत की आधा लीटर मात्रा प्रति हेक्टेयर के मान से छिड़काव करें। जिन क्षेत्रों में सफेद मक्खी और सफेद लट का प्रकोप है तो किसान इमिदाक्लोप्रिड18.5 प्रति एसएल की300 मिली मात्रा प्रति हेक्टेयर के मान से छिड़काव करें। सफेद लट के लिए खड़ी फसल में मेटाराईजियम अथवा बेवेरिया बेसीआना की 1 किलोग्राम मात्रा प्रति हेक्टेयर के मान से छिड़काव करें। फिर भी किसी प्रकार की समस्या आए तो कृषि विज्ञान केंद्र या कृषि वैज्ञानिक से सम्पर्क कर सकते हैं।
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