थाना प्रभारी अजय सारवान ने बताया कि अंबेडकर कॉलोनी निवासी सुहास उर्फ टीपू पिता फूल सिंह जाटव उम्र 40 वर्ष जो कि शराब पीने का आदी है। वह खुली मजदूरी करता है। शाम को मजदूरी कर घर आने के बाद बाजार आया था। उसके बाद से ही लापता हो गया था। परिजनों ने पुलिस को कोई सूचना नहीं दी थी। सुबह शव अंबेडकर नाले की पुलिया के नीचे बने गड्ढ़े में मिलने के बाद परिजनों वहीं पहुंचकर उसकी शिनाख्त कर ली थी। जिसके बाद शव को मुर्दाघर लेकर आए थे। शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया गया। उसके बाद अचानक से कुछ लोगों ने मूलचंद मार्ग खारी कुआं पर रास्ते पर शव रखकर जाम लगा दिया। पुलिस मौके पर पहुंची। यादव समाज के नेताओं ने कंपनी की लापरवाही की बात कही। जबकि वह पुलिया से नीचे गिरकर मरा था। उनकी समझाइश भी की गई। धारा १४४ लगे होने की चेतावनी दी। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारी और ठेका कंपनी के अधिकारियों को मौके पर बुलाने की मांग की। जिसके बारे में अधिकारियों को अवगत करा दिया गया। सीएसपी राकेश मोहन शुक्ल मौके पर पहुंच गए थे। जिसके बाद पूर्व नपा अध्यक्ष राकेश पप्पू जैन भी पहुंच गए, उन्होंने कंपनी ठेकेदार को बुलाया और मौके पर 2 लाख 1 हजार की राहत राशि प्रदान की।
पांच लाख के मुआवजे की थी मांग
यादव महासभा के महासचिव राकेश सोन ने बताया कि सीवर लाइन डालने वाली कंपनी पीसी स्नेहल ने छह सात माह पहले से ही गड्ढ़े खोद दिए है। मूलचंद मार्ग का पूरा रास्ता बंद है, कोई काम नहीं किया जा रहा है। इसी लापरवाही के चलते यादव समाज के टीपू की पुलिया से गिरने के बाद गड्ढ़े के अंदर भरे पानी में डूबने से मौत हुई है। अगर वह पुलिया से ही गिरता तो उसके सिर्फ हाथ और पैर ही टूटते, उसकी जान तो बच जाती। इस लापरवाही के गड्ढ़े से उसकी जान गई है। इसी के चलते समाज के लोगों का विरोध था, जिसके चलते खारीकुआं पर शव रखकर पीडि़त परिवार के भरण-पोषण के लिए मुआवजे की मांग की गई। मृतक की बूढ़ी मां यशोदा बाई उर्म 85 वर्ष, बेटी गीताजंलि उम्र १३ वर्ष, पूजा उम्र 11 वर्ष और बेटा नितेश उम्र 9 वर्ष है। जो कि बढ़ी दादी के पास रहते है। मां ने पिता को छोड़ दिया था, वह उदयपुर रहती है। इन सभी की जिम्मेदारी मृतक पर थी। उसकी मौत के बाद बेसहरा हो गई। इसीलिए मौत के जिम्मेदारों से मुआवजे की पांच लाख की मांग की गई। लेकिन उनके द्वारा 2 लाख 1 हजार राशि मौके पर दी गई और 50-50 हजार की मृतक की दोनों बेटी के नाम एफड़ी कराने की बात कही गई। जिसके बाद मामला शांत हुआ है।
चक्काजाम करना गलत है
शहर में धारा 144 लगी है, उसके बाद रास्ता जाम करना गलत है। मौत पर सभी को दुख होता है। लेकिन हादसा पुलिया से नीचे गिरने से हुआ है। पुलिया पर से गलती से कोई व्यक्ति नहीं गिर सकता है। इसमे ठेकेदार की कहां गलती है। लेकिन अगर कोई समस्या है तो उसके विरोध के कई तरीके है। कानून तोडऩे का प्रयास कोई करेगा तो कार्रवाई होगी। हालांकि पुलिस मौके पर तुरंत पहुंच गई थी। ज्यादा देर जाम नहीं लगने दिया, मामले की जांच करा रहें है। जाम लगाने के पीछे कौन थे।
– मनोज कुमार रॉय, एसपी नीमच।