आंकड़ों के अनुसार भारत में दुनियाभर के वाहनों की तुलना में मात्र एक फीसदी वाहन है। हादसों में मरने वालों लोगों में 70 फीसदी से अधिक गरीब होते हैं। इसके चलते कई लोग अपना उपचार नहीं करा पाते हैं। इस कारण उनकी मौत हो जाती है। विश्व बैंक के कर्ज से आंध्र प्रदेश, गुजरात, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में सड़क सुरक्षा कार्यक्रम चलाया जाएगा।
हर साल डेढ़ लाख लोगों की मौत
भारत में हर साल करीब डेढ़ लाख लोग सड़क हादसों में मारे जाते हैं और 4.50 लाख घायल होते हैं। इनमें आधे से अधिक पैदल चलने वाले, साइकिल या बाइक चालक हैं। मरने वालों में से करीब 84 फीसदी की उम्र 18-60 साल के बीच होती है।
भारत में हर साल करीब डेढ़ लाख लोग सड़क हादसों में मारे जाते हैं और 4.50 लाख घायल होते हैं। इनमें आधे से अधिक पैदल चलने वाले, साइकिल या बाइक चालक हैं। मरने वालों में से करीब 84 फीसदी की उम्र 18-60 साल के बीच होती है।
जीडीपी पर 7 फीसदी तक असर
विश्व बैंक के अध्ययन के अनुसार सड़क दुर्घटनाओं के कारण भारत की जीडीपी पर 5 से 7 फीसदी तक असर पड़ता है। वल्र्ड बैंक के कार्यवाहक कंट्री डायरेक्टर हिदेकी मोरी का कहना है कि योजना के तहत भारत की सड़कों को सुरक्षित बनाने का प्रयास किया जाएगा।