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रहस्यमय रॉकेट टकराने से चांद की सतह पर बने 2 गड्ढे वैज्ञानिकों के लिए बने पहेली

locationनई दिल्लीPublished: Jun 28, 2022 11:20:30 pm

Submitted by:

ANUJ SHARMA

अंतरिक्ष की हलचल: लूनर रिकोनिसेंस ऑर्बिटर से मिली तस्वीर से पता चला

रहस्यमय रॉकेट टकराने से चांद की सतह पर बने 2 गड्ढे वैज्ञानिकों के लिए बने पहेली

रहस्यमय रॉकेट टकराने से चांद की सतह पर बने 2 गड्ढे वैज्ञानिकों के लिए बने पहेली

वॉशिंगटन. अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों के लिए चांद से आई एक तस्वीर बड़ी पहेली बन गई है। चांद की सतह से मार्च में एक रहस्यमय रॉकेट टकराया था। इस टक्कर के कारण चांद की सतह पर डबल क्रेटर (दो गड्ढे) बन गए। नासा के लूनर रिकोनिसेंस ऑर्बिटर ने चांद की सतह की जो तस्वीर खींची है, उसमें ये दोनों असामान्य क्रेटर नजर आए। ये क्रेटर अगल-बगल ही बने हैं।

वैज्ञानिक इस बात से हैरान हैं कि कोई चीज एक जगह गिरने से दो जगह गड्ढे कैसे बना सकती है। चांद की सतह पर पूर्वी गड्ढा 18 मीटर और पश्चिमी गड्ढा 16 मीटर व्यास का है। अब वैज्ञानिक इस पहेली को सुलझाने में जुट गए हैं।

वैज्ञानिकों का कहना है कि इस्तेमाल हो चुके किसी रॉकेट की मोटर में आम तौर पर ज्यादा द्रव्यमान होता है, जबकि बाकी हिस्सा खोखला ईंधन टैंक होता है। डबल क्रेटर से लगता है कि चंद्रमा से टकराने वाले रॉकेट के दोनों सिरों पर बड़ा द्रव्यमान था।

अंतरिक्ष कबाड़ से तो नहीं

कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि शायद अंतरिक्ष कबाड़ का कोई टुकड़ा चांद की सतह से टकराया होगा। कोई भी एजेंसी अंतरिक्ष के मलबे को ट्रैक नहीं करती, इसलिए पहेली जस की तस है।

अब तक नहीं बने थे डबल क्रेटर
इससे पहले चांद पर किसी भी रॉकेट के टकराने से अब तक डबल क्रेटर नहीं बने थे। अपोलो 13, 14, 15 और 17 के रॉकेट सैटर्न के हिस्से जब चांद से टकराए थे तो 35-40 मीटर व्यास के गड्डे बने थे। रहस्यमय रॉकेट से डबल क्रेटर इन्हीं गड्ढों के पास बने हैं।
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