मुक्त करवाए गए सभी बच्चे उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के हैं। बारह से सत्रह साल उम्र के इन बच्चों से 50 से 100 रुपए मजदूरी में दस से बारह घंटे काम करवाया जाता था। इन सभी बच्चों को चिकित्सा जांच के बाद बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया। वहां से इन्हें मुक्ति आश्रम भेज दिया गया। कालकाजी के एसडीएम ने पुलिस को इन प्रतिष्ठानों के खिलाफ बंधुआ मजदूरी कानून, बाल मजदूरी कानून, किशोर न्याय कानून और ट्रैफिकिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया है।
बचपन बचाओ आंदोलन जून माह ‘एक्शन मंथ’ के तौर पर मना रहा है। इस दौरान राज्य सरकारों और स्थानीय प्रशासन के सहयोग से बाल मजदूरों देश भर मुक्त कराया जाएगा।