नई दिल्ली। आज 25 दिसंबर है, हर साल की 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसके अलावा आज के दिन भगवान यीशू का जन्म भी हुआ था। तो वहीं आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का भी जन्मदिन है। तो आज हम आपको तुलसी पूजा के महत्व और इसकी विधि के बारे में बताएंगे। मानो तो गंगा न मानो तो बहता पानी, ठीक उसी तरह मानो तो मां तुलसी और न मानो तो महज़ एक पौधा। शास्त्रों में तुलसी के पौधे की बहुत महत्ता बताई गई है।
आयुर्वेद की मानें तो तुलसी अमृत समान है। आपको बता दें कि भगवान विष्णु की सभी पूजा में तुलसी का रहना अनिवार्य है, तुलसी मां के बिना भगवान विष्णु प्रसन्न नहीं होते और वो पूजा अधूरी मानी जाती है। ऐसा करें मां तुलसी की पूजा- सुबह उठने के बाद नहा-धोकर अपने सभी कामों को पूरा कर लें। उसके बाद तुलसी की पूजा करनी चाहिए। पूजा की शुरुआत करने में सबसे पहले तुलसी के पौधे को कुमकुम का टीका लगाएं। उसके बाद पूरे विधि-विधान से उनकी आरती करें, फिर साफ जल में गंगा जल मिलाकर उन्हें चढ़ाएं। इस दौरान आपको इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए-
महाप्रसादजननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी।
आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।
अंत में आप तुलसी के पौधे की परिक्रमा भी करें। ध्यान रहे मां तुलसी की परिक्रमा अपनी सुविधा के अनुरूप 7, 11, 21 या 111 बार कर सकते हैं।