मोदी सरकार पर ‘आप’ का हमला, केंद्र की विफलता के कारण दिल्ली बनता जा रहा है मानव तस्करी का अड्डा
पूछताछ में चौंकाने वाला सच आया सामने
आपको बता दें कि पुलिस को संदेह है कि इन सभी लड़कियों को मानव तस्करी के लिए यहां लाया गया था। लेकिन इन सबके बीच जो चौंकाने वाली बात सामने आई है, जिससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि लड़कियां अपनी मर्जी से आई हैं। प्राथमिक जांच में फिलहाल पुलिस को कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है। हालांकि अब दिल्ली महिला आयोग और पुलिस छुड़ाए गए लड़कियों से संयुक्त रुप से पूछताछ कर अन्य जानकारियां जुटाने का प्रयास कर रही है।
लड़कियों को कैसे बचाया गया
आपको बता दें कि देर रात दिल्ली महिला आयोग को ने दिल्ली पुलिस को सूचना दी कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास पहाड़गंज क्षेत्र में एक होटल में भारी संख्या में नेपाली लड़कियों को लाया गया है। इस पर दिल्ली पुलिस ने फौरन कार्रवाई करते हुए होटल में छापा मारा लेकिन वहां पर कोई भी लड़की नहीं मिली। इसके बाद महिला आयोग ने नजदीक के ही एक अन्य होटल में नेपाली लड़कियों के होने की सूचना दी। दिल्ली पुलिस ने बिना देरी किए वहां पर छापा मारा तो बारी संख्या में नेपाली लड़कियां वहां मौजूद थीं। होटल में करीब 53 नेपाली लड़कियां थीं। उन सबको वहां से निकाल लिया गया है।
लड़कियों ने कहा वह अपनी मर्जी से आई हैं
आपको बता दें कि होटल से सभी नेपाली लड़कियों को छुड़ाने के बाद पुलिस ने होटल का पूरा रिकॉर्ड चेक किया। रिकॉर्ड में किसी तरह की कोई गड़बड़ी नही पाई गई। नेपाली महिलाओं के होटल में ठहरने की पूरी एंट्री सही पाई गई। सभी लड़कियों की नागरिकता के दस्तावेज को भी होटल से बरामद हुए। पुलिस ने बताया कि होटल में किसी यात्री के ठहरने के लिए जो भी नियम और शर्तें पूरी करनी होती है वह सब सही-सही पाया गया है। हालांकि इसके बावजूद दिल्ली महिला आयोग ने लड़कियों की काउंसलिंग की। काउंसलिंग के दौरान 14 लड़कियों ने बताया कि वे अपनी मर्जी से यहां पर आई हैं।
16 का कराया गया मेडिकल टेस्ट
आपको बता दें कि दिल्ली महिला आयोग ने संदेह होने के कारण छुडाए गए 16 लड़कियों का मेडिकल टेस्ट कराया, जबकि 21 लड़कियों ने टेस्ट कराने से साफ इंकार कर दिया। जिन लड़कियों का मेडिकल टेस्ट कराया गया उसमें लड़कियों के साथ कुछ भी गलत होने की पुष्टि नहीं हुई। पुलिस को अभी तक मानव तस्करी के कोई भी पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिले हैं। इसलिए पुलिस ने अभी तक कोई भी एफआईआर दर्ज नहीं किया है। पुलिस ने बताया है कि सभी लड़कियों के बयान दर्ज किए जा रहे है और आगे यदि कुछ भी संदिग्ध लगता है तो फौरन कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले भी कई लड़कियों को छुडाया गया है
आपको बता दें कि यह कोई पहला मामला नहीं है जब दिल्ली पुलिस ने नेपाली लड़कियों को छुडाया है। इससे पहले बीते 25 जुलाई को दिल्ली से ही 16 नेपाली लड़कियों को छुडाया गया था। पुलिस ने दिल्ली महिला आयोग की सूचना पर मुनिरका के एक घर से इन सभी लड़कियों को छुडाया गया था। इन सभी लड़कियों के 22 दिनों तक मकान के एक कमरे में बंद करके रखा गया था। इन लड़कियों को नौकरी का झांसा देकर दिल्ली लाया गया था, जिसे बाद में कुवैत भेज दिया जाता। बता दें कि इस मामले में पुलिस ने अबतक कार्रवाई करते हुए कई लोगों को हिरासत में लिया है और पूछताछ कर रही है। इसके अलावे बीते 17 जुलाई को भी राजस्थान के जयपुर से सांगानेर एयरपोर्ट पर 23 नेपाली लड़कियों और उनके साथ मौजूद चार लोगों को दस्तावेज चेंकिंग के दौरान रोका गया था। ये सभी लड़कियां दुबई जा रही थीं। हालांकि जांच के दौरान लड़कियों ने बताया कि वे लोग भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में नौकरी करती हैं और अब एक साथ दुबई घुमने जा रही हैं।