नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए दूरसंचार मंत्री ने कहा कि नेटवर्क की कीमतें भारत में वैश्विक कीमतों से काफी कम है। नेटवर्क की वैश्विक कीमत यदि 25 डॉलर है, तो भारत में महज यह 2 डॉलर में उपलब्ध करवाया जा रहा है। यहीं नहीं 5जी की कीमतें भी वैश्विक औसत से सस्ती रहने की संभावना है। गौरतलब है कि भारत में मोबाइल डेटा की लागत पहले से ही दुनिया में सबसे कम है।
4 जी से दस गुना तेज होगी स्पीड
दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि दुनियाभर में भारत का नाम विश्वसनीय नेटवर्क प्रदाताओं की सूची में सबसे ऊपर है। उन्होंने कहा कि 5जी सेवाओं की स्पीड का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि इसकी स्पीड 4जी नेटवर्क से कम से कम 10 गुना तेज होगी। वैष्णव ने बताया कि 5जी नेटवर्क में अवांछित कॉलों के मुद्दे को हल करने के लिए मंत्रालय एक महत्वपूर्ण रेगुलेशन पर काम कर रहा है। इसके तहत किसी भी कॉल करने वाले के केवाइसी-पहचान वाले के नाम को जाना जा सकेगा।
दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि दुनियाभर में भारत का नाम विश्वसनीय नेटवर्क प्रदाताओं की सूची में सबसे ऊपर है। उन्होंने कहा कि 5जी सेवाओं की स्पीड का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि इसकी स्पीड 4जी नेटवर्क से कम से कम 10 गुना तेज होगी। वैष्णव ने बताया कि 5जी नेटवर्क में अवांछित कॉलों के मुद्दे को हल करने के लिए मंत्रालय एक महत्वपूर्ण रेगुलेशन पर काम कर रहा है। इसके तहत किसी भी कॉल करने वाले के केवाइसी-पहचान वाले के नाम को जाना जा सकेगा।
अगले महीने के अंत तक नीलामी
केंद्र सरकार की ओर से पहले ही इस सप्ताह 5जी बैंड के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी को हरी झंडी दिखाई जा चुकी है। ऐसे में अगले महीने के अंत तक 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी हो सकती है। दूरसंचार मंत्री ने कहा कि 5जी लैब में बनकर तैयार है। 5जी के लिए 72 गीगाहट्र्स की 20 वर्ष की अवधि के लिए बिक्री की जाएगी। केंद्र सरकार अल्ट्रा-हाई-स्पीड इंटरनेट सहित पांचवीं पीढ़ी (5 जी) सेवाएं की करीब 4.3 लाख करोड़ रुपए के एयरवेव की नीलामी करेगी, और टेक फर्मों ने 5जी को स्थापित करने के लिए भी अपनी स्वीकृति भी दे दी है। वैष्णव ने कहा यह भारतीय दूरसंचार के लिए एक नए युग की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि 5 जी तकनीक से देश के कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढांचे और रसद जैसे हर क्षेत्र में विकास को बढ़ावा मिलेगा। इससे सुविधाएं भी बढ़ेगी और रोजगार के कई अवसर पैदा होंगे।
केंद्र सरकार की ओर से पहले ही इस सप्ताह 5जी बैंड के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी को हरी झंडी दिखाई जा चुकी है। ऐसे में अगले महीने के अंत तक 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी हो सकती है। दूरसंचार मंत्री ने कहा कि 5जी लैब में बनकर तैयार है। 5जी के लिए 72 गीगाहट्र्स की 20 वर्ष की अवधि के लिए बिक्री की जाएगी। केंद्र सरकार अल्ट्रा-हाई-स्पीड इंटरनेट सहित पांचवीं पीढ़ी (5 जी) सेवाएं की करीब 4.3 लाख करोड़ रुपए के एयरवेव की नीलामी करेगी, और टेक फर्मों ने 5जी को स्थापित करने के लिए भी अपनी स्वीकृति भी दे दी है। वैष्णव ने कहा यह भारतीय दूरसंचार के लिए एक नए युग की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि 5 जी तकनीक से देश के कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढांचे और रसद जैसे हर क्षेत्र में विकास को बढ़ावा मिलेगा। इससे सुविधाएं भी बढ़ेगी और रोजगार के कई अवसर पैदा होंगे।
2030 तक 6जी होगा भारत
भारत सरकार ने 5 जी के नीलामी को हरी झंडी देने के साथ के साथ 6 जी पर भी योजना की घोषणा कर दी है। सरकार के अनुसार भारत 6 जी पर भी काम करना शुरू करेगा और वर्ष 2030 तक 6 जी सेवाओं को शुरू करने के लिए तैयार हो जाएगा।
भारत सरकार ने 5 जी के नीलामी को हरी झंडी देने के साथ के साथ 6 जी पर भी योजना की घोषणा कर दी है। सरकार के अनुसार भारत 6 जी पर भी काम करना शुरू करेगा और वर्ष 2030 तक 6 जी सेवाओं को शुरू करने के लिए तैयार हो जाएगा।