अध्यादेश को लेकर केंद्र की मोदी सरकार व केजरीवाल के बीच ठनी हुई है। केजरीवाल विभिन्न राज्यों का दौरा कर गैर एनडीए दलों का समर्थन हासिल करने की कोशिश में लगे हैं। कांग्रेस के अलावा करीब करीब सभी गैर एनडीए दलों ने केजरीवाल को समर्थन देने का ऐलान किया है। केजरीवाल का मानना है कि सभी विपक्षी दल एक हो जाएं तो राज्यसभा में अध्यादेश गिर सकता है। विपक्षी दलों का समर्थन मिलने के बाद केजरीवाल की पार्टी महारैली की तैयारी में जुटी है।
सड़क से संसद तक आंदोलन
राय ने मीडिया से बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार ने चोर दरवाजे से लाकर अध्यादेश दिल्ली की जनता पर जबरदस्ती थोपा है। इसके खिलाफ जनाआक्रोश है। भारी तादाद में दिल्ली की जनता रैली में शामिल होकर इसे ऐतिहासिक बनाएगी। रैली में आने वालों को धूप व गर्मी से बचाने के लिए पांडाल लगाया जा रहा है। पेयजल, टॉयलेट, मेडिकल समेत अन्य जरूरी सुविधाओं का भी इंतजाम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में लगातार तीन बार सरकार बनाने वाले केजरीवाल को मोदी सरकार बर्दाश्त नहीं कर पा रही। यहां आठ साल से हो रहे हर काम में अड़ंगा लगाया जा रहा है। दिल्ली सरकार के अधिकार छीने जा रहे हैं। इसके खिलाफ आप दिल्लीवालों के मान-सम्मान के लिए सड़क से लेकर संसद तक आंदोलन करेगी।
यह है विवाद
सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ ने 11 मई को दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग और विजिलेंस पर दिल्ली सरकार का हक होने का फैसला दिया था, लेकिन केंद्र सरकार ने 19 मई को अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलट दिया। केजरीवाल व उनकी पार्टी के नेता इसे काला अध्यादेश बताकर इसका विरोध कर रहे हैं।