भोपाल के संदीप ङ्क्षसह के करीब सात हजार फॉलोअर्स थे। उन्होंने ब्लू टिक के लिए एप्लाई किया। वह मिल भी गया। अकाउंट वेरिफाई होते ही फ्रॉड गैंग की ओर से मैसेज भेजा गया कि आपको मेल आइडी कन्फर्म करवाना पड़ेगा। मैसेज को संदीप ने कुछ दिन अनदेखा किया, लेकिन बाद में उन्होंने बताए अनुसार ट्विटर में स्टेप फॉलो किया। संदीप के फोन पर अरबी भाषा में ङ्क्षलक भेजा गया, जिसे वह नहीं समझ पाए। उन्होंने स्क्रीनशॉट शेयर कर दिया। इसमें एक कोड भी लिखा था। उसके बाद अकाउंट हैक हो गया। संदीप बताते हैं कि उन्होंने भोपाल पुलिस से लेकर ट्विटर और गूगल तक मदद मांगी, लेकिन निराशा हाथ लगी। उनका अकाउंट अब भी कोई और चला रहा है। जब संदीप सिंह ने अपने नए अकाउंट से पुराना अकाउंट वापस करने के लिए हैकर्स को मैसेज किया तो उसने कहा कि मैंने यह वेरिफाइड अकाउंट दो हजार डॉलर में खरीदा है। अगर आपको खरीदना है तो पांच हजार डॉलर देने होंगे। इसकी शिकायत भी पुलिस और ट्विटर को कर दी गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में वेरिफाइड अकाउंट की मांग है। अवैध खरीद-फरोख्त चल रही है। साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक एक वेरिफाइड ट्विटर अकाउंट खरीदने और ब्लू टिक के लिए लोग 1.50 लाख रुपए से भी ज्यादा खर्च कर रहे हैं।
रिकवर के लिए खर्च
पेशे से डॉक्टर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि तीन महीने पहले अकाउंट वेरिफाइड होते ही कुछ लोगों ने ट्विटर पर मैसेज कर संपर्क किया। खुद को ट्विटर ऑफिस का व्यक्ति बताया और लिंक भेजकर ओटीपी मांगा। इसके बाद अकाउंट हैक हो गया। बाद में उन्होंने अपने अकाउंट को पैसा खर्च कर रिकवर करवाया।
कुछ नहीं कर सकते
एपी साइबर सेल के एडीजी योगेश देशमुख ने बताया कि ट्विटर के मामले में हम कुछ नहीं कर सकते। शिकायत करने पर पुलिस सिर्फ ट्विटर को पत्र लिख सकती है। आगे अकाउंट बंद करना है या जारी रखना है, यह ट्विटर को ही तय करना होता है।