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आमिर ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया
आपको बता दें कि वर्ष 2014 में आमिर ने बारवीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ और बॉयोलॉजी पढ़कर 70.8 फीसद अंक लाए थे लेकिन एक वर्ष बाद ही आर्थिक तंगी के कारण पढ़ाई छोड़नी पड़ी। हालांकि फिर अगले वर्ष 2015 में जामिया विश्वविद्यालय में बीटेक एवं इंजीनियरिंग डिप्लोमा की प्रवेश परीक्षा दी। जामिया से 2015 से 2018 तक उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया। आमिर ने जामिया के सेंटर फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप (सीआइई) के तहत इलेक्ट्रिक कार प्रोजेक्ट पर काम किया।आमिर के मेहनत और लग्न को देखते हुए अमरीकी कंपनी फ्रिजन मोटर वर्क्स ने उन्हें बैट्री मैनेजमेंट सिस्टम इंजीनियर का पद दिया है।
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ईद से पहले परिवार को मिला तोहफा
बता दें कि बुधवार को ईद है और आमिर ने इससे एक दिन पहले अपने परिवार वालों को एक बड़ा तोहफा दिया है। बता दें कि आमिर के पिता शमशाद अली जामिया में इलेक्ट्रीशियन हैं। उन्होंने कर्जा लेकर 40 से 50 हजार रुपये तक की एक मारुति 800 कार खरीदकर आमिर को दी। आमिर ने अपनी मेहनत से इसे इलेक्ट्रिक चार्जिंग कार में तब्दील कर दिया। आमिर के इस कारनामे को बीते वर्ष 29 अक्टूबर को जामिया के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में प्रदर्शित भी किया गया था। इसके बाद इसकी जानकारी जामिया के वेबसाइट में दी गई। आमिर के इस कारनामे पर देश-दुनिया की नजर पड़ी और फिर एक वर्ष वाद ही अब अमरीकी कंपनी ने उन्हें 70 लाख रुपए का पैकेज देकर उनके हूनर को सम्मान दिया है। बता दें कि जामिया के पॉलिटेक्निक के प्रोफेसर वकार आलम और सीआइई के सहायक निदेशक डॉ. प्रभाष मिश्र के नेतृत्व में आमिर ने प्रोजेक्ट पूरा किया।