हफीम की खेती करवाता था आसाराम प्रजापति ने एक इंटरव्यू में कहा कि आसाराम रतलाम से 17 किलोमीटर दूर पंचेड़ आश्रम में खुद अफीम की खेती करवाता था और वहां से अपने लिए अफीम मंगवाता था। लेकिन, लोगों की नजरों से बचने के लिए उसने अफीम को पंचेड़ बूटी का नाम दिया था। प्रजापति ने यह भी दावा किया था कि उसने कई बार आसाराम को लड़कियों के साथ आपत्तिनजक हालत में देखा था। प्रजापति ने यह भी आरोप लगाया था कि आसाराम बहुत शातिर है। भगवान बनने का सपना पालने वाला आसाराम उन भौतिक सुख-सुविधाओं और विलासिता के बीच जी रहा था, जिसे जानकर एक आम आदमी को शर्म महसूस होगी।
रोज तीन घंटे मालिश करवाता था आसाराम प्रजापति ने दावा किया था कि साल 1999 में आसाराम की तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी, जिसके बाद उसे उसका इलाज करने के लिए उसे बुलाया गया था। तब से उनका वहां आना-जाना शुरू हो गया। प्रजापति ने यह भी बताया था कि इसके लिए रोज तीन घंटे की मालिश और गुलाब से सुगंधित जल में घंटों तक स्नान करना बहुत जरूरी होता था। वह नहाने के लिए केसर से बने हुए साबुन का इस्तेमाल करता था। प्रजापति की मानें तो आसाराम एक बेहद भ्रष्ट का शख्स है।