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अन्ना हजारे का पीएम को खुला खत, अच्छे दिन का सपना दिखाकर मोदी ने किया छल

locationनई दिल्लीPublished: Oct 03, 2017 12:36:44 am

Submitted by:

Rahul Chauhan

अन्ना ने पत्र में लिखा कि 3 साल बाद आप भी मानते होंगे कि देश में भ्रष्टाचार बढ़ रहा है, उसे रोकने के लिए सरकार ने बड़ी-2 बातों के अलावा कुछ नहीं किया।

anna hazare
नई दिल्ली: भ्रष्टाचार के खिलाफ लम्बी लड़ाई लड़ते आ रहे अन्ना हजारे एक बार फिर नाराज हैं। हजारे ने सोमवार को महात्मा गांधी की समाधि राजघाट पर एक दिन का प्रतीकात्मक सत्याग्रह कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक लम्बा पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि लोकपाल और लोकायुक्त नियुक्ति की उनका मंशा नहीं है और वे भ्रष्टाचार मुक्त भारत का निर्माण नहीं करना चाहते हैं।
नोटबंदी से नहीं लौटा कालाधन
हजारे ने बाद में यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री ने देश से वादा किया था कि वे कालेधन को बाहर लाएंगे और इसके लिए नोटबंदी तक की। अन्ना ने सवाल किया कि जब बैंकों में 99 फीसदी नोट जमा हो गए तो आखिर कालाधन कहां गया। इसका मतलब देश में कालाधन था ही नहीं।
अब आंदोलन से केजरीवाल-बेदी नहीं निकलेंगे
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के फिर से उनके साथ आने के सवाल पर अन्ना ने कहा कि इतना बड़ा भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन चलाने के दौरान जो उनके साथ थे, वे सत्ता में घुस गए, कोई मुख्यमंत्री बन गया और कोई राज्यपाल। इसे देखते हुए अब उन्होंने तय किया है कि जब भी कोई आंदोलन होगा तो उनके साथ आने वालों को यह शपथपत्र देना होगा कि वह राजनीति में नहीं जाएगा। अगर शपथपत्र देने के बाद कोई ऐसा करेगा तो वे उसे कोर्ट तक घसीटेंगे।
खत का जवाब नहीं देते पीएम
प्रधानमंत्री को लिखे पत्रों का जवाब नहीं मिलने के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि वे मुझ जैसे सामान्य लोगों के पत्रों का उत्तर नहीं देते हैं। अन्ना ने प्रधानमंत्री को लिखे गए चार पृष्ठ के पत्र में आरोप लगाया है कि उन्होंने लोकपाल और लोकायुक्त कानून की धारा 44 में अधिकारियों व कर्मचारियों के परिजनों की सम्पत्ति की घोषणा की अनिवार्यता को समाप्त कर इस कानून को कमजोर कर दिया है। इसी तरह वित्त विधेयक 2017 को जल्दबाजी में पारित कराकर राजनीतिक दलों को 7.5 प्रतिशत तक चंदा देने के कानून को भी बदल दिया। इससे राजनीतिक दलों को कंपनियों से बिना हिसाब चंदा लेने का रास्ता भी साफ हो गया है।

अच्छे दिन का सपना दिखा मोदी ने सत्ता हासिल की
अन्ना ने आरोप लगाया है कि 2011 से 2013 तक भ्रष्टाचार के खिलाफ हुए जन आंदोलन के बाद चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री ने जनता को भ्रष्टाचार मुक्त भारत और अच्छे दिन के सपने दिखाए। पीडि़त जनता ने भरोसा किया, जिससे आपकी सरकार सत्ता में आ गई।
तीन साल में बढ़ा भ्रष्टाचार
पत्र में लिखा है कि तीन साल बाद आप भी यह मानते होंगे कि देश में भ्रष्टाचार बढ़ रहा है क्योंकि उसे रोकने के लिए आपकी सरकार ने बड़ी-बड़ी बातों के अलावा कुछ नहीं किया।

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