है कि सरकार अभी भी खुल कर इस मुद्दे पर जानकारी नहीं दे रही है।
इसी क्रम में असदुद्दीन ओवैसी ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए ट्वीट किया कि चीन ने एक हजार वर्ग किलोमीटर अंदर तक भारतीय अधिकार वाली जमीन पर कब्जा कर रखा है। 900 वर्ग किलोमीटर देपसांग में है, मगर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में अपने बयान में देपसांग का जिक्र नहीं किया। ओवैसी ने प्रधानमंत्री कार्यालय को कोट करते हुए लिखा, आपके लिए यह आसान नहीं होगा, लेकिन वक्त आ गया है कि आप संसद में जानकारियां छिपाना बंद करें। आपकी सांसदों के प्रति जवाबदेही बनती है।
गौरतलब है कि ओवैसी भारत-चीन सीमा विवाद मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर लगातार हमला करते रहे हैं। उन्होंने गत गुरुवार को भी कहा था कि सरकार ने गलवान झड़प का बदला चीन से करीब 5 हजार करोड़ उधार लेकर किया है। ओवैसी ने ट्वीट में कहा, बीते 15 जून को चीन के सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हुए। उनके साथ अन्यायपूर्ण और निर्मम व्यवहार हुआ। चार दिनों बाद यानी 19 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन से 5 हजार 521 करोड़ रुपये उधार लेकर उसे मुंहतोड़ जवाब दिया। यह हमारे शहीदों के बलिदान का अपमान है।
इसके अलावा, ओवैसी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह राजनाथ सिंह के लोकसभा में दिए गए बयान को राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर एक घिनौना मजाक बताया था। ओवैसी ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, रक्षा मंत्री का बयान बेहद कमजोर और अधूरा है। अगर अनुमति मिलती तो उनसे पूछता कि रक्षा मंत्री यह क्यों नहीं कहते कि चीन ने हमारी करीब एक हजार वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया है। इस जमीन पहले हमारे जवान गश्त करते थे। ओवैसी ने यह भी कहा कि आखिर इस अवैध कब्जे के लिए जिम्मेदार कौन है।