डीटीसी में 2019 तक 38 हजार रुपये का हुआ नुकसान मनोज तिवारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि डीटीसी में वर्ष 2019 तक 38,753 करोड़ रुपये तक और 5,280.55 करोड़ रुपये का नुकसान मार्च 2020 तक हुआ है। यह ऑन रिकॉर्ड है। अभी 2021 और 2022 का डाटा जुड़ना है। उन्होंने दिल्ली सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि दिल्ली की करीब 3 करोड़ जनता के लिए कितनी बसे होनी चाहिए? ये तो शुक्र है कि दिल्ली के पूर्व सीएम मदन लाल खुराना और पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का दिल्ली को मेट्रो की सौगात दे गए, नहीं तो पब्लिक ट्रांसपोर्ट क्या होता। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि आरटीआई से सब को पता है कि दिल्ली जल बोर्ड पर 57,895 करोड़ रुपये का लोन है। इसलिए आज तक इसकी बैलेंस शीट ही नहीं बनाई गई क्योंकि ये प्रोपराइटर की तरह दिल्ली जल बोर्ड जल रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली की जनता को बोला कि बिल हाफ किया है। लेकिन असलियत में दिल्ली में बिजली का बिल बढ़ गया है। आप की दिल्ली सरकार ने किसान, दुकानदार, व्यापारी इंडस्ट्रियलिस्ट को तो लूटा है। इन्होंने 200 यूनिट बिजली बिल फ्री भी दिया तो कुछ तो उन बिलो पर भी सब्सिडी के नाम पर बिजली कंपनियों को फायदा दिया। बिजली के बिलों में जनता से अलग-अलग हैड में चार्जर कलैक्ट हुए जनता की जेब से वह पैसा कहां गया। आप की दिल्ली सरकार ने 2015 से 2021 तक बिजली विभाग में 49,636 करोड़ रुपये कहां खा गए।
दिल्ली सरकार ने ही गृह मंत्रालय को रोहिंग्या रिफ्यूजियों को हटाने की मांग की – तिवारी मनोज तिवारी ने आप के रोहिंग्या रिफ्यूजियों को लेकर केंद्र सरकार पर दिए गए बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने गृह मंत्रालय से रोहिंग्या रिफ्यूजियों को हटाने की मांग की थी। गृह मंत्रालय ने इन लोगों को ईडब्ल्यूएस फ्लैट देने का कोई निर्देश नहीं दिया। उनकी इस तरह की कोई योजना नहीं है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने खुद ही रोहिंग्या रिफ्यूजियों को बसाने के लिए नई जगह गृह मंत्रालय से देने की मांग की थी।