रिकॉर्डिंग में 5.6 करोड़ से अधिक आवाजें शोधकर्ताओं ने दो साल तक के 5,899 शिशुओं के पास छह दिन के लिए छोटे ऑडियो रिकॉर्डर लगाए थे। इनमें 4.5 लाख घंटे से अधिक की रिकॉर्डिंग की गई। इन रिकॉर्डिंग में 5.6 करोड़ से अधिक आवाजें शामिल थीं। इन आवाजों का एक एल्गोरिदम से विश्लेषण किया गया। इसके आधार पर उम्र के पहले साल में लड़कों के ज्यादा बातूनी होने का निष्कर्ष निकाला गया।
गागा और बाबा जैसी ध्वनियां…
शोध में बताया गया कि छोटे बच्चे बात नहीं करते। वे स्वर निकालते हैं। इनके जरिए भाव प्रकट करते हैं। इन आवाजों में चीखना और गुर्राना भी होता है। इसके साथ ही गागा और बाबा जैसी ध्वनियां भी निकालते हैं। ओलेर ने कहा कि बच्चों की आवाजों को लेकर और शोध करने की योजना है।