scriptजन्म के पहले साल लड़के ज्यादा बातूनी, फिर लड़कियां | Boys are more talkative in the first year of birth then girls | Patrika News

जन्म के पहले साल लड़के ज्यादा बातूनी, फिर लड़कियां

locationनई दिल्लीPublished: Jun 02, 2023 12:09:19 am

Submitted by:

ANUJ SHARMA

नया शोध : अमरीका में शिशुओं की 5.6 करोड़ आवाजों का किया गया विश्लेषण, 5,899 शिशुओं के पास छह दिन लगाए छोटे ऑडियो रिकॉर्डर

जन्म के पहले साल लड़के ज्यादा बातूनी, फिर लड़कियां

जन्म के पहले साल लड़के ज्यादा बातूनी, फिर लड़कियां

वॉशिंगटन. माना जाता है कि लड़कों के मुकाबले लड़कियां अधिक बातूनी होती हैं, लेकिन जीवन के पहले साल में लड़के अधिक बात करते हैं। करीब 16 महीने की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते लड़कियां अधिक बोलने लगती हैं और लड़कों से आगे निकल जाती हैं। यह खुलासा मेम्फिस विश्वविद्यालय, टेनेसी के डॉ. डी. किम्ब्रू ओलेर के नेतृत्व में किए गए शोध में हुआ। आइसाइंस में प्रकाशित शोध के मुताबिक लड़कों ने जीवन के पहले साल में 10 प्रतिशत अधिक उच्चारण किया। इसके बाद लड़कियों अधिक मुखर हो गईं और वे लड़कों की तुलना में सात प्रतिशत अधिक आवाजें निकालने लगीं। डॉ. ओलेर ने कहा कि बच्चे आवाज निकालकर माता-पिता का ध्यान आकर्षित करने के लिए संकेत देते हैं। ये आवाजें माता-पिता को पसंद आती हैं और वे बच्चों का ख्याल रखते हैं।
रिकॉर्डिंग में 5.6 करोड़ से अधिक आवाजें

शोधकर्ताओं ने दो साल तक के 5,899 शिशुओं के पास छह दिन के लिए छोटे ऑडियो रिकॉर्डर लगाए थे। इनमें 4.5 लाख घंटे से अधिक की रिकॉर्डिंग की गई। इन रिकॉर्डिंग में 5.6 करोड़ से अधिक आवाजें शामिल थीं। इन आवाजों का एक एल्गोरिदम से विश्लेषण किया गया। इसके आधार पर उम्र के पहले साल में लड़कों के ज्यादा बातूनी होने का निष्कर्ष निकाला गया।
गागा और बाबा जैसी ध्वनियां…
शोध में बताया गया कि छोटे बच्चे बात नहीं करते। वे स्वर निकालते हैं। इनके जरिए भाव प्रकट करते हैं। इन आवाजों में चीखना और गुर्राना भी होता है। इसके साथ ही गागा और बाबा जैसी ध्वनियां भी निकालते हैं। ओलेर ने कहा कि बच्चों की आवाजों को लेकर और शोध करने की योजना है।
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