जिन लोगों के दिल में दिल्ली पुलिस की स्वायत्ता पर सवाल है, मैं उन्हें इतिहास में वापिस लेकर जाना चाहता हूंः बस्सी
नई दिल्ली। तीन साल तक दिल्ली पुलिस कमिश्नर का पद संभालने वाले बी.एस.बस्सी सोमवार को रिटायर हो गए हैं। क्लीन इमेज और वरिष्ठता के क्रम को देखते हुए तिहाड़ जेल के डीजी आलोक वर्मा अब दिल्ली पुलिस के कमिश्नर पद की जिम्मेदारी संभालेंगे।
दबाव में काम नहीं करती है दिल्ली पुलिस-
पुलिस बल में 39 साल तक अपनी सेवाएं देने वाले बस्सी के सम्मान में दिल्ली पुलिस मुख्यालय में फेयरवेल पार्टी आयोजित की गई। इस मौके पर उन्होंने कहा कि जिन लोगों के दिल में दिल्ली पुलिस की स्वायत्ता पर सवाल है, मैं उन्हें इतिहास में वापिस लेकर जाना चाहता हूं। कुछ लोगों का सोचना है कि दिल्ली पुलिस राजनीतिक दबाव में काम करती है जो कि एक गलतफहमी है।
हमारा किसी से झगड़ा नहीं, हम सभी की पहुंच में-
बस्सी ने कहा कि हमारा किसी के साथ झगड़ा नहीं है। हम सबकी पहुंच में रहते हैं। अगर किसी को लगता है कि दिल्ली पुलिस आमना सामना करना चाहती है तो उसे ऐसा सोचना बंद कर देना चाहिए। दिल्ली पुलिस कमिश्नर बी एस बस्सी ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिन साफ किया कि यह एक गलतफहमी है कि दिल्ली पुलिस राजनीतिक दबाव के तहत काम करती है।
हम सिर्फ सबूतों पर भरोसा करते हैं-
बस्सी ने अपने विदाई समारोह में कहा दिल्ली पुलिस की स्वायत्ता पूरी तरह बरक़रार है। बस्सी ने कहा कि हम सबूतों पर भरोसा करते हैं, फिर वह सुनंता पुष्कर केस हो, या जेएनयू केस या फिर हाल ही में पटियाला हाउस कोर्ट में हुई घटना हो।
विवादास्पद रहे कमिश्नर के तौर पर बस्सी के अंतिम दिन-
गौरतलब है कि अपने कार्यकाल के अंतिम कुछ दिन बस्सी के लिए काफी विवादस्पद रहे। जेएनयू मामले की जांच में दिल्ली पुलिस द्वारा बरती गई कथित लापरवाही की वजह से बस्सी पर काफी सवाल खड़े किए गए। इसी बीच केंद्रीय सूचना आयोग में एक पद के लिए दिए गए उनके नाम को भी सरकार द्वारा वापिस ले लिया गया।